संस्कार, संस्कृति और साहित्यिक विषयों पर चर्चा, ‘कलरव’ और ‘सागरमाथा की ओर’ पुस्तक का विमोचन

भीलवाड़ा:  मांडल स्थित बाल विद्या मंदिर विद्यालय में युगीन साहित्य प्रवाह संस्थान के तृतीय अधिवेशन के दौरान साहित्य विमर्श, परिचर्चा और पुस्तक लोकार्पण जैसे कई कार्यक्रम हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ साहित्यकार [...]

2024-01-29T14:32:34+05:30Tags: , , , |

अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति और नव सृजन ने सुरेंद्र कुमार सैनी के अवदान पर कराई चर्चा

हरिद्वार: अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति हरिद्वार और रुड़की की साहित्यिक संस्था नव सृजन के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र कुमार सैनी के साहित्यिक अवदान पर आयोजित कार्यक्रम [...]

2024-01-29T14:32:58+05:30Tags: , , |

जीवन के दुख-सुख की नामालूम-सी तरंगें हरीश पाठक की कहानियों का आधार: दिलीप मनुभाई झावेरी

मुंबई: असगर वजाहत की अध्यक्षता में गुजराती, उर्दू और मराठी के दिग्गजों ने पत्रकार और लेखक हरीश पाठक के संग्रह 'मेरी कहानियां' का लोकार्पण किया. इस अवसर पर आयोजित विमर्श में उर्दू के [...]

2024-01-29T14:37:54+05:30Tags: , , , |

बाजारों में बिकता जोश नहीं, एक अहसास है लखनऊ… संवादी के सत्र ‘सबरंग लखनऊ’ में वक्ताओं का मत

लखनऊ: संवादी के 'लखनऊ सबरंग' सत्र में न सिर्फ इस शहर के इतिहास को टटोला गया, बल्कि उन पहलुओं की भी पड़ताल हुई, जो लखनऊ को लखनऊ बनाते हैं. हमराही बने श्रोता पुराने समय [...]

2024-01-29T14:43:30+05:30Tags: , , , |

समृद्ध प्रथा के चलते मूर्ति पूजा जीवित: संवादी में ‘प्रतिमाएं, आस्था की शक्ति’ विषय पर अमीश और भावना रॉय

लखनऊ: हमारी गौरवशाली परंपरा, हमारी समृद्ध वर्ण व्यवस्था, मूर्तियों-प्रतिमाओं के प्रति हमारी गहरी सनातन आस्था; अनगिनत घात-प्रतिघात सहन कर अक्षत-अक्षय रहीं. आत्मगौरव का यह आख्यान सुनने को नई पीढ़ी आतुर, उत्सुक बैठी है, आप कथा [...]

2024-01-29T14:42:24+05:30Tags: , , , |

संवादी में यतीन्द्र मिश्र, युनूस खान के संवाद और उद्भव के गीतों से सजी नौशाद की महफिल

लखनऊ: संगीत जब शास्त्रीय रागों की सीढ़ियों से उतरकर लोकसंगीत का सरोवर बन जाए. जब धुनों की रेशमी डोर पकड़कर मन का मयूर मगन होकर खेतों में नाचने लगे. जब [...]

2024-01-29T14:42:16+05:30Tags: , , , |

संवादी के ‘भारत का भविष्य और साहित्य’ सत्र में वक्ताओं ने साहित्य को त्रिकालदर्शी बताया

लखनऊ: "साहित्य किसी युग का हो उसने हमेशा सपने देने के साथ प्रेरित करने का काम किया है. भारत का भविष्य हमारी साहित्य रूपी उस संपूर्ण संपदा में छिपा हुआ है, जिसको [...]

2024-01-29T14:41:56+05:30Tags: , , , |
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