धर्म को लेकर लोगों में भ्रांत धारणाएं बनी हुई हैं, उपासना पद्धति धर्म नहीं होती: सरसंघचालक डा मोहन भागवत
नई दिल्ली: "भाषा लोगों के दिलों के साथ-साथ समाज को जोड़ने का प्रमुख साधन है. साहित्य की रचना केवल स्वांत सुखाय ना होकर बहुजन हिताय होनी चाहिए. भाषा का सम्मान समुचित [...]