-प्रणव सिरोही

अपने जीवन को व्यवस्थित व बेहतर बनाने एवं सफलता की प्राप्ति के लिए नववर्ष के आरंभ में संभवतः आपने कोई न कोई संकल्प लिया ही होगा, किंतु सही दिशा और मार्गदर्शन के अभाव में इन संकल्पों की अवधि प्रायः क्षणिक ही सिद्ध होती है। हम काल गणना के नए चक्र में नई ऊर्जा और उत्साह के साथ तो प्रवेश कर जाते हैं, लेकिन उचित मार्गदर्शन के अभाव में संकल्पों को सिद्धि नहीं प्रदान कर पाते। ऐसी दुविधा और द्वंद्व को दूर करने में पुस्तकों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और ऐसी ही एक पुस्तक है ‘गैट बैटर ऐट गैटिंग बैटर’, जिसमें लेखक चंद्रमौली वेंकटेसन ने सफलता का वरण करने के लिए आवश्यक सूत्रों से परिचित कराया है, जो आपके संकल्पों को ऊर्जित करने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं। यह पुस्तक उस संकल्पना को संपोषित करती है कि ‘पूर्णता’ यानी परफेक्शन एक प्रकार का मिथक है और हमारे भीतर सुधार की गुंजाइश सदैव विद्यमान रहती है।

हालांकि, कुछ आवश्यक सूत्रों को आत्मसात कर हम पूर्णता के निकट अवश्य पहुंच सकते हैं। कई दिग्गज कंपनियों में हुए अपने अनुभवों के निचोड़ से लेखक हमें स्वयं को बेहतर बनाने की यही राह दिखाते हैं। इसके लिए उन्होंने पायलट के उदाहरण से लेकर गोल्फ और आर्केस्ट्रा तक के तमाम प्रतीकों से अपनी बात को बहुत प्रभावी ढंग से समझाया है। उन्होंने कुछ मौलिक अवधारणाएं भी गढ़ी हैं। लेखक का सोच यही दर्शाता है कि सफलता में निर्णायक पहलू यह नहीं होता कि आप कितने अच्छे हैं, बल्कि सफलता इसी बिंदु पर निर्भर करती है कि आपके भीतर सीखने की कितनी ललक है, जिससे आप अपनी प्रतिभा को समय के साथ और निखारकर अपनी योग्यता को विस्तार दे सकें। यही निरंतरता सफलता की कुंजी है, जिसके लिए सधी हुई रणनीति बनानी पड़ती है और यह पुस्तक आपको ऐसी रणनीति बनाना सिखाती है।

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पुस्तक : गैट बैटर ऐट गैटिंग बैटर
लेखक : चंद्रमौली वेंकटेसन
प्रकाशक : पेंगुइन बुक्स
मूल्य : 250 रुपये
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