अहसास का मधुमास लिए बैठी हूं… समरस साहित्य सृजन संस्थान एवं जयपुर काव्य साधक की संयुक्त कवि-गोष्ठी
जयपुर: 'मात शारदे वीणा-पाणि हे कल्याणी! आज झमाझम करदे मां. यहां वहां हरियाली हो, खुशहाली हो. हर दिन होली, हर दिन ईद-दिवाली हो.' डाक्टर काव्या मिश्रा की इस सरस्वती वंदना से जयपुर के 296वें स्थापना [...]