भाषा तभी जीवित रहती है जब समाज उसका उपयोग करे और उसमें साहित्य रचा जाए: उपराष्ट्रपति धनखड़
तिरुपति: संस्कृत अलौकिक भाषा है और यह हमारी आध्यात्मिकता की खोज एवं परमात्मा से जुड़ने के प्रयासों में एक पवित्र सेतु के रूप में कार्य करती है. यह बात उपराष्ट्रपति [...]