नई दिल्ली: राजकमल प्रकाशन के लिए विश्व पुस्तक मेला 2019 बहुत खास है. 70 साल पुराने इस प्रकाशन से कृष्णा सोबती, नामवर सिंह, मन्नू भंडारी से लेकर गौरव सोलंकी, अनुराधा बेनीवाल, पुष्यमित्र जैसे युवा लेखकों तक लगभग 4 पीढ़ियों के लेखकों की किताबें छप रही हैं. राजकमल प्रकाशन ने मेले में अपने स्टॉल का नाम 'जलसाघर' रखा है. जिसमें किताबों की स्टोल के साथ ही लेखकों, पाठकों और रचनाधर्मिता से जुड़ी ढेर सारी बाते होंगी. प्रकाशन ने अपनी 70 साल की निरन्तर यात्रा को प्रदर्शित करता विशेष 'लोगो' भी तैयार किया है. इस मौके पर जो विशेष प्रकाशन आ रहे हैं उनमें कृष्णा सोबती का पहला उपन्यास 'चन्ना' पहली बार प्रकाशित होकर सार्वजनिक हो रहा है. मेले में आने वाली दूसरी खास किताबों में अरूंधति रॉय के उपन्यास 'द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस' का हिंदी और उर्दू अनुवाद शामिल है. हिंदी में यह 'अपार ख़ुशी का घराना' नाम से आ रहा है, जिसका अनुवाद मंगलेश डबराल और उर्दू में 'बेपनाह शादमानी की मुमलकत' नाम से आ रहा है, जिसकी अनुवादक अर्जुमंद आरा हैं. अब तक यह उपन्यास 49 भाषाओं में छप चुका है.
लेखिका तसलीमा नसरीन के बहुचर्चित उपन्यास 'लज्जा' की उत्तरकथा 'बेशरम' के लोकार्पण के अलावा मशहूर अभिनेता एवं स्क्रीनप्ले राइटर सौरभ शुक्ला का चर्चित नाटक 'बर्फ़' भी पहली बार किताब की शक्ल में छप रहा है. भालचन्द्र जोशी का उपन्यास 'जस का फूल', ईश मधु तलवार का उपन्यास 'रिनाला-खुर्द', शरद पगारे का उपन्यास 'गुलारा बेग़म', त्रिलोकनाथ पाण्डेय का उपन्यास 'प्रेम लहरी', सच्चिदानंद सिन्हा की किताब 'आज़ादी का अपूर्व अनुभव', गुणाकर मुले की 'भारत: इतिहास और संस्कृति', दीपक कुमार की 'त्रिशंकु राष्ट्र', प्रफुल बिदवई की 'दोराहे पर वाम' का जिक्र भी उल्लेखनीय है. राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित पत्रिका 'आलोचना' का नया अंक भी मेले में उपलब्ध होगा. मेले में चे ग्वेरा की नई जीवनी भी सामने आएगी. मनोहर श्याम जोशी पर प्रभात रंजन की संस्मरण की किताब, अब्दुल बिस्मिल्लाह, अनामिका और अल्पना मिश्र की नई कृतियां प्रमुख आकर्षणों में है. हॉल नंबर 12 में छायावाद को समर्पित स्टॉल में दलित साहित्य की नई किताबों में जयप्रकाश कर्दम का उपन्यास 'उत्कोच', क्रिस्टॉफ़ जेफ्रलो की लिखी जीवनी 'भीमराव आंबेडकर ', बद्री नारायण की किताब 'कांशीराम: बहुजनों के नायक' भी उपलब्ध होंगी. इस साल 'लेखक से मिलिए' कार्यक्रम में अनामिका, अब्दुल बिस्मिल्लाह, सोपान जोशी, शिवमूर्ति, मैत्रेयी पुष्पा, अखिलेश, वीरेन्द्र यादव, हृषिकेश सुलभ, अल्पना मिश्र, गौरव सोलंकी, विनीत कुमार, नवीन चौधरी के साथ- साथ और भी महत्वपूर्ण लेखकों की उपस्थिति मेले की रौनक बढ़ाएगी.