तुम आओ गहन अंधेरा है, हमसे अति दूर सवेरा है…’स्वामी विवेकानंद का दर्शन और साहित्य’ विषय पर परिचर्चा

जयपुर: 'तुम आओ गहन अंधेरा है, हमसे अति दूर सवेरा है, हम भटक रहे हैं राहों में अज्ञान तिमिर ने घेरा है, हे महाऋषि पथ दिखलाओ, है पूर्ण काम-सत्य काम, हे ज्योति पुत्र तुमको प्रणाम.' अपने इसी [...]