सांस लेने से सांस छोड़ने तक राम ही राम: संवादी के ‘राम का लोकरंजक रूप’ सत्र का निष्कर्ष

लखनऊ: हे राम, राम राम, हाय राम, राम नाम सत्य है... सांस लेने से लेकर सांस छोड़ने तक एक ही नाम, राम ही राम. जन्म से लेकर मृत्यु और लोक व्यवहार के प्रत्येक भाव [...]

2024-01-29T14:43:22+05:30Tags: , , |

संवादी के ‘सबमें रमे सो राम कहाए’ सत्र में मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ‘आदि पुरुष’ के लिए गलती मानी

लखनऊ: अभिव्यक्ति के उत्सव 'संवादी' के 'सबमें रमे सो राम कहाए' सत्र में गीतकार मनोज मुंतशिर शुक्ला से दैनिक जागरण के संपादक-उत्तर प्रदेश आशुतोष शुक्ल ने मानो पूरे अवध की ओर से यह सवाल [...]

2024-01-29T14:43:14+05:30Tags: , , |
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