हिंदी के साथ बढ़े सिंधी, एक मां दूसरी मौसी: सिंधी भाषा दिवस पर राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद का आयोजन
नई दिल्ली: राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद ने सिंधी भाषा दिवस पर राजधानी के राम कृष्ण पुरम स्थित कार्यालय सभागार [...]
बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन ने महापंडित राहुल सांकृत्यान और कवयित्री गिरिजा वर्णवाल को किया याद
पटना: "विश्व की 36 भाषाओं के ज्ञाता और प्रयोक्ता थे महापंडित राहुल सांकृत्यान. हिंदी का संसार उन्हें यात्रा-साहित्य के पितामह के रूप में [...]
संगीत नाटक अकादमी देश के सात शक्तिपीठों में ‘शक्ति- संगीत और नृत्य महोत्सव’ आयोजित कर रहा
नई दिल्ली: संगीत नाटक अकादमी नवरात्रि के पावन पर्व पर कला प्रवाह शृंखला के तहत मंदिर परंपराओं को पुनर्जीवित करने [...]
… ताकि हर महिला हो सुरक्षित! ईशा अंबानी पीरामल ने डा विजय हरिभक्ति की पुस्तक का किया विमोचन
मुंबई: ईशा अंबानी पीरामल ने स्तन स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डा विजय हरिभक्ति द्वारा लिखित पुस्तक 'बीइंग [...]
बढ़ रही लोकार्पण की जगह देवार्पण की प्रवृत्ति, ‘स्वर्ग की अनुभूतिः केदारनाथ-यात्रा’ पुस्तक का शिवार्पण
बतौली: आजकल पुस्तकों के लोकार्पण की जगह लेखकों में उनके देवार्पण की होड़ लगी है. जिला सरगुजा के शासकीय उच्चतर [...]
भारत का उत्थान अजेय; प्रतिभा, बुद्धि और ज्ञान में हमारे युवा सर्वश्रेष्ठ में से एक: उपराष्ट्रपति धनखड़
गया: "बोधगया आध्यात्मिक महत्व का स्थल और वह भूमि है, जहां महान भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था. मानवता की सामूहिक [...]
मगही का पहला प्रकाशित उपन्यास ‘फूल बहादुर’ अब अंग्रेजी में, अभय के द्वारा अनूदित पुस्तक का लोकार्पण
नई दिल्ली: कवि और राजनयिक अभय के अपनी भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए काफी कुछ करते रहते हैं. [...]
लोकहित की कामना से संपृक्त साहित्य ही असली साहित्य है, और अवधी इसमें अनूठी: प्रो सत्य प्रकाश त्रिपाठी
बाराबंकी: यह पुस्तक लोकार्पण और परिचर्चा की एक अनूठी शाम थी. इस कार्यक्रम में कई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ और [...]
इन पुस्तकों में प्रेम और करुणा जीवन का केंद्रीय तत्त्व: डा रेणुका व्यास ‘नीलम’ की पांच पुस्तकों का लोकार्पण
बीकानेर: "डा रेणुका व्यास के रचनाकर्म में समाज, साहित्य और संस्कार मौजूद है, एक अलग प्रकार की छटपटाहट है. आपकी रचनाएं साधारण नहीं [...]
संस्कृत भाषा के सार्वभौमिक विकास से ही हमारी सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण: कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डेय
मधुबनी: भाषा के बिना संवाद अधूरा है और साहित्य तो सृजित ही नहीं हो सकता. इसलिए भाषाओं के ज्ञान के [...]
साहित्य के बिना समाज का निर्माण नहीं हो सकता: ‘शिक्षा, साहित्य और समाज’ विषयक संगोष्ठी में वक्ता
मथुरा: "साहित्य की ओट में ही काल विशेष की विशेषता छिपी रहती है, जिसे समय-समय पर साहित्यकार उद्घाटित करता है. शिक्षा जीवन [...]
जबलपुर को हम लोग परसाईपुर कहते थे: ‘साहित्य संवाद’ पुस्तक के विमोचन अवसर पर ममता कालिया
जबलपुर: "पूरे देश के साहित्यकार जबलपुर को हरिशंकर परसाई के कारण पहचानते जानते हैं. आलम यह था कि जबलपुर को हम [...]