काशी के संगीताचार्य राजेश्वर आचार्य के जीवन वृत्त से आजीवन कृत्य की पूंजी है शबनम खातून की पुस्तक: प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल
वाराणसी: "राजेश्वर आचार्य काशी के एक बौद्धिक सर्वहारा के रूप में हमारे सम्मुख विद्यमान हैं. वे किसी भी विषय पर अपनी [...]
इतिहास को देखें तो भारत वैज्ञानिक ज्ञान के मामले में वैश्विक केंद्र था, हम विश्व का नेतृत्व कर रहे थे: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
नई दिल्ली: "अगर हम अपने इतिहास के पन्नों में देखें, तो हमें ज्ञात होगा कि हमारे पास वैज्ञानिक शक्ति थी. हम वैश्विक [...]
नया भारत अपने वैज्ञानिक अनुसन्धानों से मानवता की सेवा को अपनी जिम्मेदारी मानता है: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
नई दिल्ली: "आज का भारत संभावनाओं के अनंत क्षितिज में नए अवसर तलाश रहा है. आज का नया भारत विकास और [...]
साहित्य से समाज नहीं वरन समाज से साहित्य है: लैंगिक समानता पर मंथन फाउंडेशन की संगोष्ठी में वक्ता
नई दिल्ली: "साहित्य से समाज नहीं वरन समाज से साहित्य है...और इसलिए साहित्य की चर्चा के साथ-साथ समाज की चर्चा जरूरी [...]
नीलांबर की ‘एक सांझ कविता की’ में किन्नर, पिता, प्रेम और नारी सशक्तीकरण से जुड़ी कविताओं की गूंज
सियालदाह: नीलांबर कोलकाता द्वारा स्थानीय रेलवे आफिसर्स क्लब के मंथन सभागार में 'एक सांझ कविता की' कार्यक्रम के दसवें संस्करण का आयोजन [...]
मानव तड़प की गतिशील प्रकृति के रचनाकार केकी एन दारूवाला के निधन पर साहित्य अकादेमी ने शोक जताया
नई दिल्ली: प्रख्यात कवि, लेखक और विद्वान केकी एन दारूवाला के निधन पर साहित्य अकादेमी ने शोक व्यक्त किया है. अकादेमी [...]
भोपाल में ‘त्रिविधा 3’ के दौरान कहानियों में स्त्रियां, पत्रकारिता में राजेंद्र माथुर और कविताओं में बच्चे विषय पर विमर्श
भोपाल: 'साहित्य के विभिन्न रूप हमारी जिंदगी की पगडंडियां हैं. वे हमें धीरे-धीरे जीने का रास्ता देती हैं. राहगीर से घुलने [...]
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत लखनऊ में फिर सजा रहा अवध के साहित्य, इतिहास और परंपरा वाला गोमती पुस्तक महोत्सव
लखनऊ: हर साल गोमती रिवरफ्रंट पार्क में आयोजित होने वाला गोमती पुस्तक महोत्सव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस [...]
जयंती पर याद किए गए मैनेजर पाण्डेय, उनकी पुस्तक ‘दारा शुकोह: संगम-संस्कृति का साधक’ पर परिचर्चा
नई दिल्ली: "अक्सर हम दारा शुकोह को मुगलकाल में एक अपवाद की तरह देखते हैं लेकिन असल में वो कोई अपवाद [...]
रेत में उभरी आकृतियों के बीच, हर कोई ढूंढ रहा था अपनी आकृति… श्रीप्रकाश शुक्ल के कविता संग्रह का विमोचन
वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के रामचंद्र शुक्ल सभागार में श्री प्रकाश शुक्ल के कविता संग्रह 'रेत में आकृतियां' का [...]
भाषा का संकट, सभ्यता का संकट है: साहित्य अकादेमी के ‘हिंदी और अन्य भारतीय भाषाएं’ परिसंवाद में राहुल देव
नई दिल्ली: "वर्तमान में सभी भारतीय भाषाएं संकट में हैं. एक नई चुनौती अब सहभाषाओं की अस्मिता से भी है. अतः [...]