साहिबगंज: “साहित्य के प्रति प्रेम और समर्पण समाज से बुराइयों को दूर करने का सर्वोत्तम माध्यम है. हम जैसे ही अपने आप को साहित्य के प्रति समर्पित करते हैं, हमारे अंदर की कई प्रकार की दुर्भावनाएं स्वत: दूर हो जाती है. साहित्य केवल मां की कल्पना नहीं अपितु समाज का आईना भी है.” उपरोक्त बातें दो दिवसीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विधायक एमटी राजा ने कही. राजा ने कहा कि साहित्य केवल समाज का दर्पण ही नहीं बल्कि मानसिक और शारीरिक विकारों को दूर करने का एक प्रयास भी है. आयोजन मंच के मुख्य संरक्षक प्रणय कुमार ने कहा कि साहित्य हर-एक के मन में बसा हुआ है. फर्क सिर्फ इतना है कि कुछ लोग इसे शब्दबद्ध और लबबद्ध कर पाते हैं और कुछ अपनी भावनाओं को अन्य रूपों में प्रकट करते हैं. शुभारंभ सत्र में विधायक मोहम्मद ताजुद्दीन, शाहजहां अंसारी, प्रणय कुमार, गोपाल श्रीवास्तव और सुधीर कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित किया.
आयोजन के दौरान शहर के विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं के साथ ही रोहित कुमार अम्बष्ट, सुनीता झा, मधुबाला शांडिल्य, बिंदु श्रीवास्तव ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया. संचालन प्रीति शुक्ला ने किया. कवयित्री सृति झा ने जब पढ़ा कि ‘देखो संविधान हमारा गीता ही तो पढ़ता है…’ से लोगों को झकझोर दिया. कवि सम्मेलन के पहले सत्र में रोहित अम्बष्ट ने भी खूब तालियां बटोरी. मुख्यमंत्री उत्कृष्ट कन्या विद्यालय पोखरिया की छात्रा शालू कुमारी एवं आस्था कुमारी, पब्लिक उच्च विद्यालय के छात्र अंकुर कुमार, राजस्थान मध्य विद्यालय के छात्र हरीश कुमार ने भी कविता पाठ से दर्शकों का दिल जीत लिया. दूसरे सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक अमित कुमार सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग, भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री बजरंगी प्रसाद यादव की उपस्थिति में काव्य पाठ का आयोजन किया गया.