नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि नरेन्‍द्र मोदी सरकार के अब तक के कार्यकाल में ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘विकास भी विरासत भी’ के विजन को साकार करने के दृढ़ संकल्‍प से संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं, जिससे भारतीयों को न केवल सामाजिक-आर्थिक बल्कि बौद्धिक रूप से भी लाभ हुआ है. शेखावत ने कहा कि देश ने 2014 के बाद से अपनी नीतियों और आकांक्षाओं में काफी परिवर्तन देखा है, जो विकास और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के एक नए युग की शुरुआत है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है, जो एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है. काशी में विश्वनाथ धाम भारत की सांस्कृतिक राजधानी के कद को बढ़ाता जा रहा है, जबकि सोमनाथ में विकास परियोजनाएं नए मानक स्थापित कर रही हैं. शेखावत ने नई दिल्ली में बनाए जा रहे दुनिया के सबसे बड़े युग युगीन भारत संग्रहालय, राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, वैश्विक काशी सांस्कृतिक पथ, पुरावशेषों का पुनर्जीवन, शास्त्रीय भारतीय भाषाओं की संख्या में वृद्धि, परी परियोजना, प्रथम एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन और संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ मनाने जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर प्रकाश डाला.

शेखावत ने मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा कि प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक आयोजित होने वाला महाकुंभ हमारे देश की समृद्ध, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगा. शेखावत ने पर्यटन के क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रगति के बारे में भी बात की, इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास, वैश्विक प्रचार अभियान और भारत के सांस्कृतिक और पर्यटन परिदृश्य को बढ़ाने के उद्देश्य से परियोजनाओं का ब्यौरा दिया. उन्‍होंने कहा कि पर्यटन को ‘विकसित भारत’ के निर्माण का अभिन्न अंग बनाने के लिए तीव्र प्रयास किए जा रहे हैं. पर्यटन क्षेत्र में कुल 76.17 मिलियन नौकरियां सृजित की गई हैं. ‘पर्यटन मित्र’ और ‘पर्यटन दीदी’ कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. विदेशी मुद्रा आय 28.07 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो 2014 की तुलना में 42.53 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. घरेलू पर्यटकों की संख्या में 95.64 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. वैश्विक यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक में भारत की रैंकिंग 65 से सुधरकर 39 हो गई है. गंतव्य विकास परियोजनाओं पर 6,800 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं. विभिन्न राज्यों में कम ज्ञात पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 3,295.76 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. शेखावत ने बताया कि ई-पर्यटक वीजा सुविधा आगंतुकों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है. उन्होंने कहा कि ये पहल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और दोनों क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं.