लखनऊ: अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित ‘किताब उत्सव’ के दौरान कई संवाद सत्र भी हो रहे हैं, जिनके साहित्य, साहित्यकार और उनके रचना संसार पर व्यापक चर्चाएं हो रही हैं. इस दौरान ‘हमारा शहर हमारे गौरव’ सत्र में यशपाल के लेखन और जीवन पर बातचीत की गई. इस दौरान प्रीती चौधरी ने यशपाल की रचना का अंश पाठ किया. इस सत्र में आलोचक वीरेन्द्र यादव ने यशपाल के लेखन पर वक्तव्य दिया और कुमार पंकज ने उनके जीवन के विविध पक्षों के संदर्भ में यशपाल को याद किया. कुमार पंकज ने कहा कि यशपाल गंगा जमुनी तहजीब के लेखक थे. यशपाल ने ‘क्यों फंसे’ उपन्यास समय से बहुत पहले लिख दिया था. इस सत्र का संचालन नाजिश अंसारी ने किया. पहले दिन ही प्रताप गोपेन्द्र की किताब ‘चंद्रशेखर आजाद’ का लोकार्पण भी हुआ.

लोकार्पण सत्र में सुभाष चंद्र कुशवाहा, सुधीर विद्यार्थी और फिरोज नकवी ने किताब का लोकार्पण किया. प्रताप गोपेन्द्र ने अपने लेखकीय वक्तव्य में चंद्रशेखर आजाद के व्यक्तित्व पर सारगर्भित वक्तव्य दिया. इस सत्र का संचालन अशोक शर्मा ने किया. किताब उत्सव में ही ‘आधुनिक अवधि कविता’ विषय पर परिचर्चा के अलावा राकेश कबीर के कविता संग्रह ‘तुम तब आना’ पर परिचर्चा के अलावा राज कुमार सिंह के कविता संग्रह ‘उदासी कोई भाव नहीं है’ का लोकार्पण और ‘पोस्ट ट्रुथ के दौर में पत्रकारिता’ विषय पर परिचर्चा कार्यक्रम है. राकेश मिश्र के कविता संग्रह ‘कवि का शहर’ का लोकार्पण और विपिन गर्ग की किताब ‘चलो टुक मीर को सुनने’ का लोकार्पण भी खास आकर्षण है. किताब उत्सव में पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें सभी के लिए प्रवेश नि:शुल्क है.