उद्घाटन सत्र : देवभूम‍ि के युवाओं के सपने

सीएम ने खींचा नई सोच के साथ राज्‍य के विकास का खाका

– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बोले, समान नागरिक संहिता के पक्ष में हैं केंद्र सरकार के सहयोगी दल

रविंद्र बड़थ्वाल, जागरण

देहरादून: जागरण संवादी में शनिवार को उत्तराखंड के युवाओं के भविष्य के सुनहरे सपनों का मंच भी सजा। इन्हीं सपनों को लेकर मध्य हिमालय के इस क्षेत्र में हर मां पृथक उत्तराखंड राज्य आंदोलन में कूद पड़ी थी। राज्य बने हुए 23 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। इस अवधि में रोजगार, उद्यम, आजीविका की दिशा में कदम बढ़े भी, लेकिन अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा, हर हाथ को काम, पलायन के दंश से मुक्ति जैसे युवाओं के सपने पूरे करने को अभी लंबी उड़ान शेष है। संवादी में प्रबुद्ध व्यक्तियों की उपस्थिति में सवाल-जवाब के क्रम ने जोर पकड़ा तो युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे उत्साह के साथ संकल्प व्यक्त किया कि सरकारी विभागों में रिक्त सभी पदों को शत-प्रतिशत भरा जाएगा। साथ में युवाओं के कौशल को निखारने के लिए इस प्रकार योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है कि वे राज्य से बाहर जाने का इरादा ही त्याग दें। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को कानूनी रूप देने की पहल कर चुके मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र में हमारे सहयोगी दल भी इस कानून को लेकर सहमत हैं।
अभिव्यक्ति के उत्सव जागरण संवादी के पहले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उद्घाटन सत्र में ‘देवभूमि के युवाओं के सपने’ को लेकर दैनिक जागरण के राज्य संपादक कुशल कोठियाल के सवालों से रूबरू हुए। युवाओं के सपने और उन्हें धरातल पर उतारने की योजना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार हर युवा का सपना होता है। इसे पूरा करने का संकल्प सरकार ने लिया है। पेपर लीक, नकल होने की घटनाओं ने परीक्षाओं की शुचिता और युवाओं के सपनों को चोट पहुंचाई तो सबसे पहले सख्त नकलरोधी कानून बनाने का निर्णय लिया गया। यह कानून बना तो अब पूरा देश और कई प्रदेश इसी राह पर आगे बढ़ने लगे हैं। उनके मुख्यमंत्रित्व काल के तीन वर्षों में 14,800 रिक्त सरकारी पदों पर भर्तियां हो चुकी हैं। अब पेपर लीक नहीं हो रहे। योग्य अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक युवा को सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती। इसे ध्यान में रखकर स्वरोजगार की योजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पलायन रोकने को विशेष प्रयास

पहाड़ों से पलायन रोकने के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने पलायन रोकने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। कोराना काल में इन योजनाओं को पूरी गति से क्रियान्वित करने में कठिनाई आई थी। इसी कारण पलायन आयोग का गठन कर वैज्ञानिक तरीके से पलायन रोकने के प्रयास शुरू किए गए। पर्वतीय क्षेत्रों के निवासियों की आजीविका के लिए उद्योग, पर्यटन, कृषि और बागवानी के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ सरकार स्वरोजगार को भी प्रोत्साहित कर रही है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट से निस्तारण को हो रहे प्रयास

प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कड़े कानून के बाद भी अभी तक किसी को भी इसके अंतर्गत सजा नहीं होने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक करने अथवा लिप्त पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा का प्रविधान है। साथ में 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना भी देना होगा। नकल करने वाले को 10 वर्ष की जेल और 10 लाख रुपये अर्थदंड की व्यवस्था की गई है। सरकार नकल के विरुद्ध कड़े रुख के साथ कदम उठा रही है। इसे जड़ से समाप्त करने की दिशा में ही देश का सबसे कड़ा नकलरोधी कानून बनाया गया है। इस प्रकार के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में निस्तारित हों, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।

अंजाम तक पहुंच रहे अपराधी

अपराधियों, विशेष रूप से अन्य प्रदेशों के अपराधियों के उत्तराखंड को साफ्ट स्टेट मानने के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया जा रहा है। इसमें कोताही नहीं बरती जा रही है। प्रदेश में पुलिस मात्र आम जनता के लिए मित्रवत है, अपराधियों, माफिया पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस नए कलेवर में है। जनसांख्यिकीय परिवर्तन के माध्यम से उत्तराखंड के मूल स्वरूप को बदलने नहीं दिया जाएगा। हल्द्वानी में दंगा करने वालों से सख्ती से निपटा गया। मतांतरण का कड़ा कानून लागू हो चुका है। दंगाइयों को सरकारी या निजी संपत्ति को हानि पहुंचाने पर उसकी भरपाई करनी होगी। नौकरशाही के हावी होने के प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से नौकरशाही की कार्यप्रणाली में परिवर्तन आया है। अब काम तेजी से हो रहे हैं। कई कड़े कानून इसी कारण अस्तित्व में आ सके।

जनता ने बहुमत दिया तो पूरा हुआ समान नागरिक संहिता का वायदा

समान नागरिक संहिता में उत्तराखंड के चैंपियन बनने और जनता से किए गए वायदे को पूरा करने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव में समान नागरिक संहिता का वायदा जनता से किया गया था। जनता ने मिथक तोड़ते हुए दूसरी बार भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनाई। सरकार ने भी जनता से किया वायदा पूरा करते हुए समान नागरिक संहिता के लिए पहल की। अब तक भाजपा के सहयोगी दल भी चाहते हैं कि समान नागरिक संहिता लागू हो। भाजपा का यह संकल्प है कि पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाए। देवभूमि से समान नागरिक संहिता की गंगा निकल चुकी है।

गढ़वाल व कुमाऊं में एक-एक हिल स्टेशन बनेंगे

शहरों का सुनियोजित विकास नहीं होने और एक भी माडल सिटी नहीं होने के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों मंडलों, गढ़वाल और कुमाऊं में एक-एक हिल स्टेशन विकसित किए जाएंगे। नए शहरों का विकास नियोजित ढंग से होगा। पुराने शहरों को व्यवस्थित करने के लिए भी प्रयास जारी हैं। अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार किसी प्रकार के दबाव में नहीं है। राज्य के समग्र विकास के लिए अगले 25 वर्षों की चुनौती का सामना करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। शहरों की धारण क्षमता का आकलन किया जा रहा है।

डबल इंजन ने किया काम

उत्तराखंड में लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में सभी पांच सीटें भाजपा की झोली में जाने के बारे में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड में विकास के ऐसे कीर्तिमान गढ़े, जिनके बारे में सोचना भी कठिन था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति जनता ने प्रेम प्रदर्शित किया है। केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन की सरकारों ने जनता के हित को प्राथमिकता दी है। उत्तर प्रदेश में कम सीटें जीतने के प्रश्न पर धामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों ने संविधान और आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाया।