हिंदी भारतीयता की पहचानदेश की संस्कृति का करती है प्रतिनिधित्व

– दैनिक जागरण संवादी कार्यक्रम के समापन समारोह में बोले राज्यपाल ले. ज. (सेनि) गुरमीत सिंह
– हिंदी के महत्व पर डाला प्रकाशसंवादी कार्यक्रम की सराहना करते हुए जागरण समूह को दी शुभकामनाएं

जागरण संवाददातादेहरादून: बात जब हिंदी की होती है तो हृदय की अनुभूति स्वत: ही अभिव्यक्त होने लगती है। हिंदी देश को एकता के सूत्र में पिरोती है। हमारा साहित्य और भाषा भारतीयता की पहचान है। हिंदी देश की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है। अभिव्यक्ति के उत्सव जागरण संवादी के रूप में यहां दैनिक जागरण ने अभिनव प्रयास है। उत्तराखंड में यह आयोजन सभ्यता और संस्कृति का संवाहक है।

रविवार को फेयरफील्ड बाय मैरियट में दैनिक जागरण के हिंदी है हम’ अभियान के अंतर्गत दो दिवसीय संवादी कार्यक्रम के समापन अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि संवादी जैसा कार्यक्रम अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है और देहरादून में इस प्रकार के आयोजन के लिए दैनिक जागरण समूह बधाई का पात्र है। संवादी के 12 सत्रों के लिए चुने गए विषयों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को छूते हुए आयोजन में मंथन और चिंतन किया गयाजिससे निश्चित ही सर्वाेच्च निष्कर्ष निकलेगा। दैनिक जागरण की ओर से विषय विशेषज्ञोंप्रबुद्धजनों व आम जनमानस के बीच सेतु का कार्य किया गया। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि सभ्यतासंस्कृति और विरासत को बचाने और इसे आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हों। उन्होंने कहा कि जहां चिंतन-मनन होता हैवहां समाधान भी जरूर निकलता है। संवादी कार्यक्रम ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण की अलख जगाई है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड की टोपी के साथ वक्ताओं को देखकर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में हिंदी का परचम लहरा रहा है। सिर पर टोपी और हृदय में राष्ट्रप्रेम की भावना प्रभु से मिलन कराती है। हिंदी का उच्चारण आत्मा को संतुष्ट करता है। राज्यपाल ने कहा कि हिंदी देश को एकता के सूत्र में पिरोती है। हिंदी हृदय और अंतरात्मा की भाषा है। साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के प्राण उसके साहित्य में समाहित होते हैं। साहित्य के बिना राष्ट्र का कोई मूल्य नहीं। हिंदी भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है और हमारी संस्कृतिसंस्कारों की वाहक है।

संवादी के विषय सुनकर आत्मा जाग उठती है

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने जागरण संवादी के 12 विषयों के चयन को सराहा। उन्होंने कहा कि 12 सत्रों के लिए जो विषय चुने गए हैंवे हृदय में जोशभावनात्मक जुड़ाव और प्रेरणा प्रदान करते हैं। देवभूमि के युवाओं के सपनेकाशी और देवभूमिसाहित्य का नारी वंदनपहाड़ की लोक संस्कृति आइडिया आफ इंडिया आदि विषयों की राज्यपाल ने जमकर सराहना की। उन्होंने उत्तराखंड के युवाओं और मातृशक्ति के विषय पर किए गए मंथन और चिंतन के लिए जागरण समूह को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की नारी दुनिया में सबसे अलग है।

कोई सुनता नहीं तो यह बोलने वाले की मौत है

राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान चीन की एक कथा से एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि चीन में एक बार किसी राजा के दरबार में एक प्रबुद्धजन व्यक्ति पहुंचे। राजा भयभीत हो गया कि यह ज्ञानी उनका राजपाठ न छीन ले। इस पर राजा ने उन्हें कहा कि आप सभा में संबोधन देंयदि आपको कोई नहीं सुनता तो आपकी हत्या कर दी जाएगी। वहींचतुर राजा ने जनता को धमकी दी कि यदि किसी ने प्रबुद्ध व्यक्ति को सुना तो उन्हें मौत की सजा दी जाएगी। प्रबुद्ध व्यक्ति के संबोधन के दौरान जनता उन्हें अनसुना करने लगीजिस पर उन्होंने कहा कि यदि वह बोलते हैं और उन्हें कोई सुनता नहीं तो यही उनके लिए मौत है।