संस्कृत भाषा के सार्वभौमिक विकास से ही हमारी सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण: कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डेय
मधुबनी: भाषा के बिना संवाद अधूरा है और साहित्य तो सृजित ही नहीं हो सकता. इसलिए भाषाओं के ज्ञान के साथ ही उसका संस्कार भी जरूरी है. संस्कृत भारतीय ही [...]