हिंदी साहित्य की गंगा, संस्कृत हमारी जननी, हिंदी हमारी मातृभाषा: ‘हिंदी भाषा एवं साहित्य’ संगोष्ठी में आचार्य दिवाकर
अमेठी: "हिंदी साहित्य की गंगा है, जो समूचे देश को महासमुंद्र में समाहित करती है. संस्कृत हमारी जननी है और उसकी बेटी हिंदी हमारी मातृभाषा है." यह बात साहित्य भूषण [...]