मुरादाबाद: स्थानीय संस्था 'विजयश्री वेल्फेयर सोसाइटी' के तत्वावधान में रामगंगा विहार स्थित शिव मंदिर परिसर में होली के उपलक्ष्य में 'काव्यरस-फुहार' का आयोजन हुआ, जिसमें रंगबिरंगी टोपियां पहन, उपाधियों से लैस स्थानीय कवियों ने होली पर लिखी हास्य कविताओं से सभी को गुदगुदाया और देश व समाज में व्याप्त विद्रूपताओं पर कटाक्ष किया. इस काव्य-गोष्ठी की अध्यक्षता कवि रामवीर सिंह वीर ने की, मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार अशोक विश्नोई थे, तो विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ मनोज रस्तोगी ने शिरकत की. संचालन हास्य कवि फक्कड़ मुरादाबादी ने किया. इस गोष्ठी में काव्यपाठ करते हुए मनोज मनु ने पढ़ा, 'भीतर से बाहर तलक, भरता गज़ब मिठास; होली का त्योहार तो, होता इतना खास.' नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' के गीत के बोल थे, 'मनके सारे त्याग कर, कष्ट और अवसाद; पिचकारी करने लगी, रंगो से संवाद.' राजीव प्रखर ने पढ़ा, 'सिमट गयी संवेदना, बदल गये सब ढंग; पहले जैसी अब कहां, होली की हुड़दंग.' वरिष्ठ कवि विवेक निर्मल की होली कविता यों थी, 'होली के हुड़दंग में, बदले सबके चित्र; दुश्मन भी लगने लगे, प्यारे प्यारे मित्र.'
कवि प्रशांत मिश्र ने पढ़ा, 'मैं क्यों खेलूं तुम संग होली, सखियां मुझे चिढ़ाती हैं.' आवरण अग्रवाल 'श्रेष्ठ' का कहना था, 'आओ मिलकर अबकी खेले ऐसी होली, देश से मिट जाए बैर भाव और कटु बोली.' अरविंद कुमार शर्मा आनंद ने पढ़ा, 'हुल्लड़ भी हुड़दंग भी शोर हम मचायेंगे; अरे भैया फाल्गुन आयो होली हम मनाएंगे.' वरिष्ठ साहित्यकार अशोक विश्नोई ने रचना प्रस्तुत की, 'धूप में सोता था अपने गांव में, आज छाले पड़ गए हैं पांव में, चाहकर भी आपसे कैसे मिलूं, रस्म की बेड़ी पड़ी है पांव में.' वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा, 'महकी आकाश में चांदनी की गंध, अधरों की देहरी लांघ आए छंद, गंगाजल से छलके नेह के पिटारे, उड़ रही रेत गंगा किनारे.' कवि रवि चतुर्वेदी की कविता थी, 'देश के दीवानों की मैं भक्ति हूं, और उनके आत्मबल की शक्ति हूं.' वरिष्ठ शायर डॉ कृष्ण कुमार 'नाज़' ने कहा, 'सोहबत बुरी मिली तो गलत काम भी हुए, वैसे कमी तो ना थी कोई खानदान में.' रामवीर सिंह 'वीर' का काव्य-पाठ था, 'कैसे बताएं हम आपन बीती, जो कहना था कह नहीं पाए, बदल गई जीवन की रीति.' इस अवसर पर इंदु रानी, सविता निर्मल, महेंद्र शर्मा, देवेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, अनिल पाल सिंह क्षय, अजय सिंह आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे.