नई दिल्ली: चर्चित लेखिका वंदना राग के नए उपन्यास ‘बिसात पर जुगनू’ का लोकार्पण इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संदीप दीक्षित, पंकज राग, मंगलेश डबराल, विनोद भारद्वाज, अपूर्वानंद की मौजूदगी में हुआ. लोकार्पण के बाद लेखिका वंदना राग से आलोचक संजीव कुमार और लेखक ब्लॉगर प्रभात रंजन ने बातचीत की. बिसात पर जुगनू, उपन्यास की कहानी हिन्दुस्तान की पहली जंगे-आज़ादी के लगभग डेढ़ दशक पहले के पटना से शुरू होकर 2001 की दिल्ली में ख़त्म होती है. उपन्यास में भारत और चीन, इन दो देशों से जुड़ी कहानियां साथ-साथ लेकर चलती हैं, जिनके इर्द-गिर्द आज पूरी दुनिया का अर्थतन्त्र, राजनीति, युद्ध की आशंकाएं और कृत्रिम बीमारियां; सब कुछ छितराया हुआ है. वंदना राग ने कहा, “इस किताब के लिए मैंने चीन की लंबी यात्राएं कीं और जाना की दोनों ही देशों के आम लोगों का संघर्ष एक जैसा है. इतिहास में ऐसी कई महिलाएं गुमनामी में रहीं, जिन्होंने स्वतंत्रा संघर्ष में योगदान दिया, यह उपन्यास इन महिलाओं की भी कहानी है."
आलोचक संजीव ने भी वंदना की बात से सहमति जताते हुए कहा, “यहां फ़िरंगियों के अत्याचार से लड़ते दोनों मुल्कों के दुःखों की दास्तान एक-सी है और दोनों ज़मीनों पर संघर्ष में कूद पड़नेवाली स्त्रियों की गुमनामी भी एक-सी है. ऐसी कई गुमनाम स्त्रियां इस उपन्यास का मेरुदंड हैं." कथाकार प्रभात रंजन ने अपनी बात रखते हुए कहा, “बहुत दिनों बाद एक बड़े कैनवास का ऐतिहासिक उपन्यास आया है. 'बिसात पर जुगनू' 19 वीं शताब्दी के इतिहास के द्वंद्व, भारत-चीन व्यापार, कम्पनी राज, जन जागरण, विद्रोह, पटना कलम के कलाकारों का बिखराव आदि शामिल है. इस उपन्यास में इतिहास, कला के बहुत से सवाल आते हैं और बेचैन कर देते हैं. बहुत से किरदार डराते भी हैं, मन के भीतर रह जाते हैं." राजकमल प्रकाशन समूह के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने कहा, “यह किताब भाषा की बात करती है. चीन में आज भी बहुत कम लोग अंग्रेज़ी समझने वाले हैं. वे अपना सारा काम अपनी भाषा में करते हैं, विज्ञान की खोजें भी, यहां तक कि कम्प्यूटर पर काम भी. उन्होंने अपने बच्चों पर एक अतिरिक्त गैरजरूरी बोझ नहीं डाला. मुझे लगता है चीन, जापान आदि देशों के विकसित होने का बड़ा कारण अपनी भाषा में सोचना और काम करना है. इस उपन्यास को पढ़ते हुए हम कुछ तो इस बारे में सोचने के लिए विवश होंगे." इस आयोजन में साहित्य, राजनीति, मीडिया और कला जगत के कई चर्चित चेहरे शामिल हुए.