नई दिल्लीः साहित्य अकादमी के सचिव के श्रीनिवासराव की विज्ञप्ति के अनुसार के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में नई दिल्ली के रवींद्र भवन में हुई अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में 23 पुस्तकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2019 के लिए अनुमोदित किया गया. पुस्तकों का चयन नियमानुसार गठित संबंधित भाषाओं की त्रिसदस्यीय निर्णायक समिति की संस्तुतियों के आधार पर किया गया. साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2019 के अंतर्गत असमिया में 'राजतरंगिणी' के अनुवादक नवकुमार हंदिकै को, बांगला में 'भारतवर्ष' के अनुवादक तपन बंद्योपाध्याय को, बोडो में 'अबंलावरिनि फाव' के अनुवादक गोपीनाथ ब्रह्म को, डोगरी में 'सतीसरै दी कहानी' के अनुवादक रत्न लाल बसोत्रा को, अंग्रेज़ी में 'कुसुमाबले' की अनुवादक सुसैन डैनियल को, गुजराती में 'अंतर्नाद' के अनुवादक बकुला घासवाला को, हिंदी में सरस्वतीचंद्र खंड 1 और 4 भाग- 1 और 2 के अनुवादक आलोक गुप्त को, कश्मीरी में 'गोरा' के अनुवादक रतन लाल जौहर को देने की घोषणा हुई है.
कोंकणी में 'जिंदगीनामा-जिवो रुख' की अनुवादक जयंती नायक को, मैथिली में 'अकाल में सारस' के लिए केदार कानन को, मलयालम में 'श्रीरामचरितमानसम (तुलसीदासरामायनम)' के लिए सीजी राजगोपाल को, मणिपुरी में 'लालहौबा अमसुङ अतै शैरेङशिङ' के लिए ख. प्रकाश सिंह को, मराठी में 'आणि मग एक दिवस…' के लिए सई परांजपे को, नेपाली में 'बोज्यूले भनेको कथा' के लिए सचेन राई ‘दुमी’ को, ओड़िआ में 'श्रेष्ठ हिंदी गल्प' के लिए अजय कुमार पट्ट्नायक को, पंजाबी में 'देश वंद दे लहू दे रंग' के लिए प्रेम प्रकाश को, राजस्थानी में 'चारु वसंता' के लिए देव कोठारी को, संस्कृत में 'रश्मिरथी' के लिए अनुवादक प्रेमशंकर शर्मा को, संताली में 'आईकाउ' के लिए खेरवाल सोरेन को, सिंधी में 'मीठो पानी खारो पानी' के लिए ढोलन राही को, तमिल में 'निलम पूत्तु मलर्दं नाल' के लिए केवी जयश्री को, तेलुगु में 'ओका हिजड़ा आत्मकथा' के लिए पी सत्यवती को, उर्दू में 'मोर पंख' के लिए असलम मिर्ज़ा को दिए जाने की घोषणा हुई है. अकादमी कन्नड़ भाषा का पुरस्कार बाद में घोषित करेगी. घोषित पुस्तकों के अनुवादकों को पुरस्कार के रूप में 50,000/- रुपए की राशि और उत्कीर्ण ताम्रफलक इसी वर्ष आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किए जाएंगे.