नई दिल्लीः हिंदी और मैथिली में समान रूप से सक्रिय पत्रकार और अध्यापक विनीत उत्पल को काका कालेलकर पत्रकारिता सम्मान-2019 से नई दिल्ली में सम्मानित किया गया. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी ने एक भव्य समारोह में उन्हें सम्मानित किया. इस मौके पर काका कालेलकर से जुड़ी रहीं वरिष्ठ समाजसेवी निरंजना कलार्थी, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक दीपांकर श्रीज्ञान, कला मर्मज्ञ व समीक्षक ज्योतिष जोशी, अतुल प्रभाकर, कुसुम शाह, प्रसून लतांत, विद्यानंद ठाकुर मौजूद रहे. विनीत उत्पल को यह सम्मान गांधी हिंदुस्थानी साहित्य सभा, दिल्ली और विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान, नोएडा द्वारा संचालित सन्निधि संगोष्ठी की ओर से दिया गया. उन्हें यह सम्मान पत्रकारिता में किए गए कार्यों के लिए दिया गया.
मूल रूप से मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड के आनंदपुर गांव के निवासी विनीत उत्पल की पढ़ाई मुंगेर जिले के तारापुर, भागलपुर और नई दिल्ली में हुई है. उन्होंने भागलपुर के मारवाड़ी कॉलेज से गणित में स्नातक किया और फिर पत्रकारिता की शिक्षा ग्रहण कर इसे ही पेशे के तौर पर चुना. करीब डेढ़ दशक से अधिक समय तक पत्रकारिता करने के बाद वह अध्यापन की तरफ मुड़ गए. इस दौरान दैनिक भास्कर, देशबंधु, राष्ट्रीय सहारा, हिंदुस्तान जैसे अख़बारों में विभिन्न पदों पर कम भी किया है. सम्प्रति वे ग्रेटर नोएडा स्थित आईआईएमटी कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं. करने वाले विनीत उत्पल मैथिली भाषा की शोध पत्रिका ‘तीरभुक्ति’ के संपादक भी हैं. याद रहे कि काका कालेलकर के नाम से विख्यात दत्तात्रेय बालकृष्ण कालेलकर भारत के प्रसिद्ध शिक्षाशास्त्री, पत्रकार और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. काकासाहेब कालेलकर ने गुजराती और हिन्दी में भरपूर साहित्य रचना की और हिंदी के महान पक्षधर के रूप में अपनी पहचान बनाई.