भोपालः मध्यप्रदेश के साहित्यकारों को दीर्घ साधना, श्रेष्ठ कलात्मक उपलब्धि और समग्र अवदान के लिए प्रदान किए जाने वाले भवभूति अलंकरण के लिए अनुशंसाएं आमंत्रित की गई हैं. साहित्य की समस्त विधाओं को इसमें सम्मिलित किया गया है. सम्मेलन के सदस्य पलाश सुरजन ने सोशल मीडिया पर भी इस अलंकरण से संबंधित पूरी जानकारी पोस्ट की है. उनके अनुसार मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रतिवर्ष भवभूति अलंकरण के लिए अनुशंसाएं आमंत्रित करता है. ये अनुशंसाएं सम्मेलन की इकाइयों, सम्मेलन के सदस्यों, प्रदेश के लेखकों, साहित्यिक संस्थाओं और सामान्य जागरूक पाठकों से आमंत्रित की जाती हैं. वरीयता क्रम से तीन साहित्यकारों के नामों की अनुशंसा की जा सकती है. एक नाम की अनुशंसा को अनन्य अनुशंसा माना जाता है. अनुशंसा का सुस्पष्ट आधार साहित्यकार की सुदीर्घ साधना, साहित्यिक श्रेष्ठता और समकालीन परिदृश्य में उसकी उपलब्धि और अवदान का विवेचन और मूल्यांकन, सामान्य स्वीकृति और सम्मान होता है. प्राप्त अनुशंसाओं पर विचार और निर्णय करने के लिए न्यूनतम तीन और अधिकतम पांच सदस्यों की एक निर्णायक समिति का मनोनयन होता है, जिसमें सम्मेलन का कोई पदाधिकारी शामिल नहीं होता है. प्राप्त समस्त अनुशंसाएं एकत्र और संकलित रूप में निर्णायक समिति के सामने विचारार्थ प्रस्तुत की जाती है.
निर्णायक समिति सामान्यत: प्राप्त अनुशंसाओं के आधार साहित्यकार के नाम की सिफारिश करती है, लेकिन यदि समिति के सदस्य सर्वसम्मति से यह अनुभव करें कि प्राप्त अनुशंसाओं में किसी ऐसे साहित्यकार का नाम शामिल नहीं हो पाया है जो उनकी राय में 'भवभूति अलंकरण' के सर्वथा योग्य है, तो उस नाम पर भी समिति विचार कर सकती है. समिति का निर्णय अनिवार्यत: सर्वसम्मति से होता है. किसी भी असहमति की स्थिति का निराकरण पारस्परिक संवाद और विचार विमर्श से किया जाता है. सर्वसम्मति के अभाव में वह निर्णायक समिति भंग कर दी जाती है और नई निर्णायक समिति गठित की जाती है. साल 1985 में स्थापित 'भवभूति अलंकरण' से अब तक मुकुटधर पाण्डेय, हरिशंकर परसाई, वियोगी हरि, डॉ रामकुमार वर्मा, रामेश्वर शुक्ल 'अंचल', शिवमंगल सिंह 'सुमन', गिरिजा कुमार माथुर, प्रो प्रमोद वर्मा, नरेश मेहता, हरिनारायण व्यास, रामनारायण उपाध्याय, राममूर्ति त्रिपाठी, मुकुट बिहारी 'सरोज', श्रीकांत जोशी, मालती जोशी, डॉ. धनंजय वर्मा, हबीब तनवीर, मलय, प्रो. नईम, भगवत रावत, श्री चंद्रकांत देवताले, मन्नू भंडारी, पुन्नी सिंह, सुदीप बनर्जी, विष्णु खरे, आग्नेय, स्वयं प्रकाश, प्रो. कांति कुमार जैन, डॉ प्रभात कुमार भट्टाचार्य, प्रेमशंकर रघुवंशी, डॉ विजय बहादुर सिंह, सुबोध कुमार श्रीवास्तव, डॉ रमाकांत श्रीवास्तव, डॉ ओम प्रभाकर और नरेश सक्सेना को विभूषित किया जा चुका है.