नई दिल्लीः साहित्य अकादमी के सचिव डाॅ के श्रीनिवासराव ने साहित्य अकादमी की ओर से एक नई कार्यक्रम शृंखला के शुरुआत की. इस कार्यक्रम की पृष्ठभूमि और उद्देश्य स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य अकादमी बाबासाहेब डाॅ भीमराव अम्बेडकर के जन्मदिवस पर, हर वर्ष 14 अप्रैल को एक कार्यक्रम आयोजित करती है. इस कार्यक्रम में देश भर के दलित चिंतक और साहित्यकार आमंत्रित किए जाते हैं. हमारा यह प्रयास रहता है कि साहित्य में जो अस्मिताएं प्रमुखता से अपना स्वर बुलंद कर रही हैं, उन्हें हम सम्मानित मंच प्रदान कर सकें और देश के प्रत्येक हिस्से में पहुंचा सकें. इसी प्रयास के अंतर्गत यह नई शृंखला ’दलित चेतना’ शुरुआत की गई है, जो पूरी तरह से दलित लेखन को समर्पित है. अनुभूति की प्रामाणिकता की जब बात की जाती है, तो उसे वही व्यक्त कर सकता है जिसने उसे भोगा हो.
राव ने कहा कि पहले हम अलग-अलग कार्यक्रमों में एक-दो दलित रचनाकारों को आमंत्रित करते रहे थे, लेकिन अब यह पूरा कार्यक्रम दलित साहित्यकारों और उनकेे लेखन को समर्पित होगा और 24 भारतीय भाषाओं के दलित लेखक इस कार्यक्रम के माध्यम से अपने को प्रस्तुत कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस शृंखला की विधिवत शुरुआत हो गई है. यह हर महीने के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जाएगी. पहले कार्यक्रम में डाॅ श्योराज सिंह बेचैन, मुकेश मानस और पूनम विश्वकर्मा वासम जी को रचना-पाठ के लिए आमंत्रित किया. सभी रचनाकारों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं, जिन्हें उपस्थित विशाल श्रोता समूह ने बहुत पसंद किया. कार्यक्रम का संचालन इंडियन लिटरेचर के अतिथि संपादक एजे थाॅमस ने किया. धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.