बेंगलुरुः दक्षिण भारत और अहिंदी भाषी क्षेत्र में महिला साहित्यकारों की साहित्यिक संस्था 'प्रेरणा महिला साहित्य मंच' की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ. गोष्ठी की शुरुआत संस्था की संस्थापिका और अध्यक्ष वीणा गुप्ता मेदिनी द्वारा सरस्वती आराधना से हुई. तत्पश्चात शहर के प्रतिष्ठित कवि- कवयित्रियों ने कविता पाठ कर काव्य की रस-धारा से कार्यक्रम को अपनी ऊंचाइयों पर पहुंचाया. कार्यक्रम में काफी समय के बाद यूरोप प्रवास से लौटे शहर के नामचीन कलमकार नन्द सारस्वत 'नंद' को प्रेरणा साहित्य प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया गया. उन्होंने अपनी देश प्रेम में पगी रचनाएं 'हिंदू हूं कि मुसलमान नहीं पूछा जाए' और सामाजिक समरसता की रचना 'मिल जुल काम करो ऐसी नीति चाहिए, नेता नीति नियम पाले ऐसी नीति चाहिए' से कार्यक्रम में एक नई उर्जा का प्रवाह किया.
इसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य रचनाकारों में वीणा मेदिनी, सुनीता सैनी,  रतींदर कौर, डा. उर्मिला पोरवाल, डा. अनिता कर्पूर,  विजेन्द्र सैनी, प्रतीक पलोड़ ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं से काव्य कौशल का प्रदर्शन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता रतींदर कौर ने की. मुख्य अतिथि शहर के अग्रणी महाविद्यालय जैन कालेज की हिंदी की वरिष्ठ प्राख्याता डा. अनिता कर्पूर थी. इस दौरान शेषाद्रीपुरम शिक्षण संस्था समूह की रचनाकार डा. उर्मिला पोरवाल, साहित्यकार सुनीता सैनी और लेखक प्रतीक पलोड़ का विशेष सम्मान किया गया. याद रहे कि 'प्रेरणा महिला साहित्य मंच' साहित्य के क्षेत्र का एक अनूठा मंच है जो कि शुद्ध रुप से महिलाओं के द्वारा नियंत्रित और पोषित है. धन्यवाद ज्ञापन आयोजक वीणा गुप्ता मेदिनी के द्वारा किया गया.