अल्मोड़ाः टेलीविजन के वरिष्ठ पत्रकार दिनेश कांडपाल की पुस्तक 'पराक्रम' का लोकार्पण सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल मोहन चंद्र भंडारी व राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के हिंदी के सहायक संपादक डॉ ललित किशोर मंडोरा ने अल्मोड़ा के सुदूर इलाके चौखुटिया के बोनाफाइड पब्लिक स्कूल में किया. इस मौके पर जनरल (रि) भंडारी ने अपने सैन्य जीवन के कई प्रसंगों का जिक्र कर उपस्थित श्रोताओं को एक नए जोश को भर दिया. भारतीय सेना में समूची जिंदगी गुजार देने वाले  भंडारी का कहना था कि सत्य यही है कि जिस तरह हम अपने माँ-बाप को नहीं बदल सकते हैं, उसी तरह अपने पड़ोसियों को भी नहीं बदल सकते हैं. ऐसे में हमारे पास सिर्फ एक ही रास्ता है कि राष्ट्र के प्रति हम सब का जो कर्तव्य है, उसे हम पूरी शिद्दत से निभाएं और उसके प्रति ईमानदारी का भाव रखें. देश की सुरक्षा करने का अधिकार जितना फौजी का है, उतना ही हक सिविलियन का भी है.

'पराक्रम' पुस्तक की तारीफ करते हुए मोहन चंद्र भंडारी ने कहा कि यह निश्चित ही एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जिसके लिए लेखक बधाई के योग्य हैं. 'पराक्रम' को एक पठनीय किताब बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे हर देश प्रेमी को पढ़ना चाहिए. इस अवसर पर पुस्तक के बारे में डॉ ललित मंडोरा ने बताया कि इस पुस्तक का प्रकाशन प्रभात प्रकाशन दिल्ली ने किया है. विशेष बात तो यह कि ऐसी पुस्तकों के प्रकाशन पर महानगरों में तो चर्चा होती है, लेकिन देश के सुदूर अंचल इससे वंचित रह जाते हैं. आज अल्मोड़ा के इस अंचल में ऐसी महत्त्वपूर्ण पुस्तक के लोकार्पण समारोह को आयोजित करने के लिए मैं प्रकाशक और लेखक को बधाई देना चाहूंगा. इससे पुस्तक संस्कृति के उन्नयन की दिशा में एक सार्थक मदद होगी. इस अवसर पर आमंत्रित अतिथियों को पुष्प गुच्छ व महात्मा बुद्ध की प्रतिमा भेंट की गई. आयोजन में भारी संख्या में साहित्यप्रेमी, छात्र और चौखुटिया के गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.