नई दिल्लीः राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा भारत व्यापार संवर्धन संगठन के सहयोग से लगने वाला विश्व पुस्तक मेला 2019 राजधानी के प्रगति मैदान में 5 जनवरी से 13 जनवरी तक लगेगा. मेले का उद्घाटन हंसध्वनि थिएटर में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर करेंगे. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने पत्रकारवार्ता में मेले की विधिवत जानकारी दी. शारजाह के राजकीय संबंध विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष शेख फहीम बिन सुल्तान अल क़ासिमी मुख्य अतिथि होंगे. सम्मानित अतिथि के रूप में शारजाह पुस्तक प्राधिकरण के अध्यक्ष अहमद बिन रक्काद अल अमेरी होंगे. ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ द ब्लाइंड के महासचिव जे. एल. कौल तथा शारजाह के लेखक-प्रतिनिधि हबीब योसेफ अब्दल्लाह अल सईह विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे.
इस साल मेले में देशभर से आए 600 से अधिक प्रकाशक, 23,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में, लगभग 1350 स्टॉलों पर विभिन्न भाषाओं, यथा- बांग्ला, अंग्रेज़ी, गुजराती, हिंदी, मैथिली, मलयालम, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू की पुस्तकें प्रदर्शित करेंगे. उद्घाटन अवसर पर आईटीपीओ के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एल.सी.गोयल, न्यास की तरफ से अध्यक्ष प्रो. बल्देव भाई शर्मा व निदेशक डॉ रीता चौधरी भी उपस्थित रहेंगी. मेले की थीम 'दिव्यांगजनों की पठन आवश्यकताएं' है, जिस पर आधारित एनबीटी कैलेंडर 2019 का लोकार्पण भी इसी दौरान होगा. इसके साथ ही शारजाह के सुल्तान बिन मुहम्मद अल-क़ासिमी द्वारा लिखित पुस्तक 'बीबी फातिमा और बादशाह के बेटे' के हिंदी तथा अंग्रेज़ी संस्करणों तथा एनबीटी द्वारा प्रकाशित ब्रेल पुस्तकों के सूची-पत्र का लोकार्पण भी किया जाएगा. उद्घाटन कार्यक्रम के अंत में संकेत भाषा में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया जाएगा.
विश्व पुस्तक मेला 2019 की थीम इस बार 'दिव्यांगजनों की पठन आवश्यकताएं' रखा गया है. इसके उद्देश्य का जिक्र करते हुए बल्देव भाई शर्मा का कहना था कि इसका उद्देश्य समावेशी समझ के विचार को आगे बढ़ाना तथा विशेष आवश्यकता वाले पाठकों की सामग्री के सृजन, प्रकाशन तथा विस्तार के विभिन्न मुद्दों एवं आयामों का पता लगाना है. इस थीम को प्रदर्शित करने हेतु हॉल नं. 7 में एक विशेष डिसेबल्ड फ्रेंडली मंडप का निर्माण किया गया है, जहां व्हीलचेयर्स, हर तरफ स्टील रेलिंग तथा संकेत भाषा के दुभाषिए होंगे. यहां ब्रेल पु्स्तकों, स्पर्शनीय पुस्तकों, मूक पुस्तकों, ऑडियो पुस्तकों, समेकित मुद्रित ब्रेल पुस्तकों, विशेष आवश्यकता वाले दृष्टिबाधित या श्रवणबाधित बच्चों के लिए पुस्तकों, ऑटिस्टिक बच्चों, एडीएचडी से प्रभावित बच्चों, पाठकों तथा व्यवहार संबंधी, मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर आधारित 500 पुस्तकों की विशेष प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र होगी. इसके अतिरिक्त, इस मंडप में ऑल इंडिया कॉन्फेडेरेशन ऑफ द ब्लाइंड द्वारा दिव्यांगजनों के लिए तकनीक आधारित उपयोगी उपकरणों को प्रदर्शित करती एक विशिष्ट प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी
थीम मंडप पर एनबीटी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘जीवन संग्राम के योद्धा-दिव्यांग पात्रों की प्रसिद्ध कहानियां' पुस्तक का लोकार्पण गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा द्वारा किया जाएगा. मेले के दौरान आयोजित होने वाली विभिन्न पैनल चर्चाओं में पैरा ओलंपियन व अर्जुन अवार्डी, राजेंद्र सिंह; परविंद्र सिंह, मनप्रीत कौर, सुवर्णा राज, थिएटर से अतुल सत्य कौशिक, गायक बंत सिंह झब्बर भाग लेंगे. प्रो. बल्देव भाई शर्मा का कहना था वह चाह्ते थे कि यह मेला पुस्तक प्रेमियों के लिए मुफ्त हो सके. क्योंकि उनका मानना है कि पुस्तकें मानव उन्नयन का सबसे सबल साधन हैं, इसलिए पुस्तकों के मेले पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए. पर उनके तमाम प्रयासों के बाद भी ऐसा नहीं हो सका. हालांकि लीक से हटकर इस बार पुस्तक मेले की टिकट दर घटा दी गई. प्रवेश शुल्क 30 रुपए की बजाय 20 रुपए कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और छात्रों के लिए यह मुफ्त है.