नई दिल्लीः हिंद युग्म ने अपने चर्चित लेखकों को उनकी मौजूदा किताबों के ऑडियो बुक अधिकारों के लिए लगभग 11 लाख रुपए की अग्रिम रॉयल्टी देने की घोषणा की है. इन लेखकों में सत्य व्यास, दिव्य प्रकाश दुबे, निखिल सचान, अनु सिंह चौधरी, मानव कौल, किशोर चौधरी, अजीत भारती, आशीष चौधरी, अंकिता जैन, उमेश पंत जैसे युवा लेखक शामिल हैं. हिंद युग्म ने हाल ही में अमेज़ॉन की ऑडियो बुक निर्माण एवं प्रकाशन कंपनी ऑडिबल के साथ अपनी किताबों को ऑडियो (श्रवणीय) रूप में बदलने का करार किया है. हिंद युग्म ने ऑडिबल के साथ अपनी नवंबर 2017 तक प्रकाशित किताबों को ऑडियो रूप में बदलने का अनुबंध किया है.
हिंद युग्म प्रकाशन के संस्थापक-संपादक शैलेश भारतवासी मीडिया के लिए जारी अपनी विज्ञप्ति में इसे हिंदी किताबों की डिप्रेशिंग दुनिया में एक राहत की सांस बताते हैं. उनके शब्दों में "मुझे लगता है कि आने वाले समय में हिंदी के लेखक भी अपनी किताबों की रॉयल्टी से एक ठीक-ठाक जीवन जी सकते हैं. हिंद युग्म अपने कई लेखकों को सालाना 2 लाख रुपए से अधिक की रॉयल्टी देता है. बहुत सारे लेखकों को ईबुक की रॉयल्टी के तौर भी लाखों रुपए मिल रहे हैं. फ़िल्म इंडस्ट्री का ध्यान भी नए लेखकों की किताबों की और गया है. जिसकी वजह से किताबों के फ़िल्म निर्माण अधिकार, वेब सीरिज निर्माण अधिकार इत्यादि बिकने लगे हैं. अगर हिंदी की किताबें इसी तरह तमाम माध्यमों में अपनी जगह बनाती गईं, तो हिंदी किताबों और उनके लेखकों का भविष्य बहुत सुनहला होगा." हिंद युग्म का दावा है कि उसने पिछले 5 सालों में हिंदी को बहुत सारे लोकप्रिय लेखक दिए हैं, जिससे नए पाठकों का एक पुल बना है. जहां हिंदी की तमाम किताबें बिक्री के मामले में हज़ार की संख्या नहीं पार कर पातीं, वहीं नए लेखकों की किताबें 25 हज़ार तक बिक जाती हैं. हिंद युग्म का 'नई वाली हिंदी' नामक पाठक जोड़ो अभियान भी अत्यधिक सफल रहा है. आज एक सामान्य पाठक हिंदी में लिखी जा रही किसी भी क़िस्म की नई किताब को 'नई वाली हिंदी' से जोड़कर देखता है.