सीतामढ़ी., बिहार, हाल ही में सीतामढ़ी में मैथिली साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में मैथिली कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों ने हास्य की फुहार, व्यंग्य के बाण और ओज के शब्द से मिथिला संस्कृति के बारे में विचारों की गंगा बहाई. कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध सुप्रसिद्ध कवि दिगंबर झा ‘दिनमणि‘ ने और संचालन सुपरिचित उद्घोषक किसलय कृष्ण ने किया. स्वागत भाषण मैथिली साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष संजीव सिन्हा ने एवं धन्यवाद ज्ञापन सुधांशु शेखर झा ने किया.
संजीव सिन्हा का कहना है कि इस आयोजन का मकसद अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देना है. वह इस बात से भी इनकार करते हैं कि मैथिली और हिंदी में कोई विरोधाभास है. उनका मानना है कि सभी भारतीय भाषाओं को एक-दूसरे से मिलकर आगे बढ़ना चाहिए. इस कार्यक्रम में शामिल कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से जहां कुरीतियों पर प्रहार किया वहीं मिथिला संस्कृति के प्रगतिशील पक्षों को भी सामने रखा, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा और वे देर शाम तक जमे रहे. जयप्रकाश चौधरी ने दहेज प्रथा पर हास्य कविता ‘हेरौ अभागला घसल कपाड़’ सुनाकर सबको गुदगुदाया. सतीश मेहता ने ‘करेजक आगिये मिझाउ कोना, आगिक दालि कें सिझाउ कोना‘ कविता के माध्यम से युवाओं में जोश भर दिया. सदरे आलम गौहर ने गजल ‘सत कहई छी अहां कें, अहीं प्राण हमर छी‘ प्रस्तुत कर प्रेम का बखान किया. अजीत आजाद ने ‘‘चुकल कवि प्रलाप करैत अछि, जे अपन प्रशंसा आप करैत अछि‘ कविता सुनाकर आत्मप्रशंसा में रत लोगों को चेताया. अयोध्यानाथ चौधरी ने ‘प्रकृतिक अजब खेल बुझब कठिन छैक‘ कविता के जरिए प्रकृति की महत्ता का वर्णन किया. सत्यनारायण झा ने ‘बदलि गेल आब गाम‘ कविता सुनाकर मिथिला में बदलते सामाजिक व्यवहार पर तंज किया. अभिलाषा ने ‘हमरा निम्मन लगैत है, रोइया लेखा उधियाइत मेघ‘ कविता प्रस्तुत कर युवा मनोरथ के सपने को पंख लगाया.
इम्पल्स कोटा, मैसासांस, एमसी मेमोरियल स्कूल, पार्टी जोन एवं सीतामढ़ी फेसबुक पेज के सहयोग से आयोजित इस कवि सम्मेलन की विशेषता रही कि इसमें सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय जिलों एवं जनकपुर, विराटनगर (नेपाल) के कुल 42 कवियों ने अपनी रचनाएं सुनाईं. इस कार्यक्रम में प्रो. सत्यनारायण झा, अयोध्यानाथ चौधरी, मणिकांत झा, अजित आजाद, दिलीप कुमार झा, अशोक मेहता, सदरे आलम गौहर, सतीश मेहता, प्रीतम निषाद, सुभाष सिनेही, सत्येन्द्र, प्रवीण नारायण चौधरी, अरुण माया, नवीन नवेंदु, अनिल झा, अभिलाषा, रघुनाथ मुखिया, दयाशंकर मिथिलांचली, काशीकांत झा, मनोज झा, दिगंबर झा, विजय मणि, पूनम झा, आनंद मोहन झा, प्रणव नार्मदेय, गुफरान जिलानी, श्यामानंद निशाकर, फूलचंद्र प्रवीण, सुभाष चंद्र झा, कमलेश प्रेमेंद्र, दीप नारायण विद्यार्थी, मैथिल प्रशांत, सुमित मिश्र ‘गुंजन’, अक्षय आनंद ‘सन्नी’, मनोज कामत, मुख्तार आलम एवं अवधेश अनल ने कविता-पाठ किया. इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह, महिला मोर्चा अध्यक्ष डॉ. विभा ठाकुर, डॉ. एस.पी. झा, बलवंत शास्त्री, डॉ. प्रतिमा आनंद, अभिषेक कुमार शिशु, राजेश झा, उमेश झा, अरुण कुमार गोप सहित अनेक विशिष्टजन उपस्थित रहे.