लखनऊ: कथक गुरु और नर्तक पंडित बिरजू महाराज अपने गृहनगर लखनऊ में सम्मानित होकर अभिभूत हो गए. पंडित बिरजू महाराज ने कहा कि कोरोना संकट के कारण मैं लम्बे समय से घर से नहीं निकल सका था, लेकिन मन में इरादा था कि जब भी निकलूंगा और सफर शुरू करूंगा तो लखनऊ से करूंगा. मैं जब भी इस भूमि पर आता हूं, प्रणाम करता हूं कि मैं लखनऊ अपने घर आ गया हूं. उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से भेंटकर कहा है कि कुछ ऐसी बात करें यहां पर कि हम यहां रह सकें. अपने जीवन का आखिरी वर्ष यहां रहकर बच्चों को सिखाने में बिता सकें. संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित समारोह में उत्तर प्रदेश के संस्कृति व पर्यटन राज्य मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज को सम्मानित किया. इस मौके पर चर्चित लोक गायिका मालिनी अवस्थी, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम और कथक नृत्यांगना शाश्वती सेन भी उपस्थित थे. तिवारी ने शाल और स्मृति चिन्ह देकर महाराज को सम्मानित किया.
इस अवसर पर पंडित बिरजू महाराज ने श्रोताओं के अनुरोध पर ठुमरी एवं भजन भी सुनाए. समारोह में डॉ नीलकंठ तिवारी ने कहा कि कोरोना के संकट को पूरे विश्व ने झेला. इस संकट से पर्यटन व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ा लेकिन कलाकारों को बहुत मुश्किल उठानी पड़ी. उन्होंने कहा कि कलाकार को मंच चाहिए. कलाकार जब तक मंच पर नहीं आता है उसे संतुष्टि नहीं मिलती. इस मौके पर प्रसिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि पंडित बिरजू महाराज जितना अच्छा नृत्य करते हैं उतना ही अच्छा गाते हैं और उतना ही अच्छा वादन भी करते हैं. समारोह में कथक प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया. आरंभ में प्रसिद्ध कथक नर्तक मधुकर आनंद के पुत्र आर्यव आनंद ने एकल कथक नृत्य किया. इस मौके पर कथक केन्द्र के कलाकारों ने सुरभि शुक्ल के निर्देशन में नृत्य नाटिका प्रस्तुत की.