शिवपुरी:  लेखक-पत्रकार प्रमोद भार्गव को उपन्यास एवं कहानी लेखन के क्षेत्र में डॉ सरोजिनी कुलश्रेष्ठ सम्मान दिया जाएगा। मध्यप्रदेश लेखक संघ प्रतिवर्ष उपन्यास और कहानी लेखन के क्षेत्र में देश में अपनी विशेष पहचान बनानेवाले लेखक को देता है। प्रमोद भार्गव का उपन्यास “दशावतार” बहुचर्चित हुआ । शीघ्र ही इस उपन्यास का अंग्रेजी संस्करण भी आनेवाला है। कहानी लेखन के क्षेत्र में भार्गव का अपना अलग स्थान है। लौटते हुए और मुक्त होती औरत उनके चर्चित कहानी संग्रह हैं। अपनी कहानियों में भार्गव ने अनेक ऐसी वर्जनाओं और कुरीतियों पर प्रहार किया है,जो समाज को जड़ बना रही हैं। भार्गव का एक अन्य कहानी संग्रह शपथ पत्र भी चर्चा में रहा है। दशावतार उपन्यास के अलावा उनके 'प्यास भर पानी','नौकरी' और 'अनंग अवतार में चार्वाक' भी हैं।एक बाल उपन्यास “शहीद बालक” भी प्रकाशित हुआ है। उनकी अन्य पुस्तकों में 'भाषा और भाषाई शिक्षा के बुनियादी सवाल' , '1857 का लोकसंग्राम और रानी लक्ष्मीबाई',  'आम आदमी और आर्थिक विकास',  'पानी में प्रदूषण',  'पर्यावरण में प्रदूषण' और 'सहरिया आदिवादी : जीवन और संस्कृति' प्रमुख पुस्तकें हैं। साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा सम्मान मिल चुके हैं। वो लगातार अपनी रचनाधर्मिता से समकालीन साहित्यिक परिदृश्य में सार्थक हस्तक्षेप कर रहे हैं।