संबलपुरः ओड़िशा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का एक खास नाता रहा है, इसीलिए वहां के साहित्यिक- अकादमिक जगत में उन्हें लेकर आयोजन होते ही रहते हैं. फिर पश्चिम ओड़िशा में ओड़िया के साथ-साथ कोशली, संबलपुरी, छत्तीसगढ़ी और हिंदी का भी खासा प्रभाव है. इसीलिए जब संबलपुर विश्वविद्यालय ने 'गांधी दर्शन और हिंदी साहित्य' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की तो उसमें शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों की भागीदारी और उत्साह चरम पर था. कोलकाता विश्वविद्यालय से जुड़े शिबपुर दीनबंधु कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष सत्य प्रकाश तिवारी के अनुसार हिंदी साहित्य और गांधी और उनके विचारों के प्रति विद्यार्थियों के अंदर का यह उत्साह निश्चित रूप से सराहनीय है. सच तो यह है कि भारतीय साहित्य खासकर हिंदी साहित्य की युवा पीढ़ी हमेशा से गांधी दर्शन से प्रभावित रही है. उस समय के साहित्य पर गांधी दर्शन का स्पष्ट प्रभाव दिखता है. मैथिलीशरण गुप्त की भारत भारती, प्रेमचंद की रंगभूमि, माखनलाल चतुर्वेदी की पुष्प की अभिलाषा, रामधारी सिंह दिनकर की मेरे नगपति मेरे विशाल, सुभद्रा कुमारी चौहान की झांसी की रानी आदि साहित्यिक रचनाएं गांधी दर्शन से ही प्रेरित रही हैं.
खास बात यह कि देशभर में गांधी जी के लिए जलसे हो रहे हैं. अभी इसी फरवरी में ही लखनऊ में भी ऐसा आयोजन हुआ. इन गोष्ठियों से गांधी जी के साहित्य और दर्शन का मूल तत्व यही निकलता है कि मनुष्य प्रजाति की उत्पति से लेकर आज तक की सारी मानवता व्यक्तिगत, सामाजिक, जातीय, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति के लिए प्रयासरत रही है. गांधीजी का मानना था कि समाज में शांति की स्थापना तभी संभव है, जब व्यक्ति भावनात्मक समानता एवं आत्मसंतोष को प्राप्त कर लेगा. गांधीजी के अनुसार शांति की प्राप्ति प्रत्येक युवा का भावनात्मक एवं क्रियात्मक लक्ष्य होना चाहिए तभी उसकी ऊर्जा, गतिशीलता एवं उत्साह राष्ट्रीय हित में समर्पित होंगे. गांधी युवाओं को सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा औजार मानते थे. वे हमेशा चाहते थे कि सामाजिक परिवर्तनों, सामाजिक कुरीतियों, सती प्रथा, बाल विवाह, अस्पृश्यता, जाति व्यवस्था के उन्मूलन के विरुद्ध युवा आवाज उठाएं. उनका मानना था कि शोषणमुक्त, स्वावलंबी एवं परस्परपोषक समाज के निर्माण में युवाओं की अहम भूमिका है एवं भविष्य में भी होगी. यह दिख भी रहा है. आज का आधुनिक युवा भी प्रजातांत्रिक मूल्यों एवं तथ्यपरक सिद्धांतों को मान रहा है.