आणंद: हिंदी के वरिष्ठ आलोचक डॉ. शिवकुमार मिश्र की स्मृति में दिया जाने वाला सम्मान इस वर्ष प्रदान किए गए। आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान वर्ष 2018 का सम्मान आलोचक-कवि विजय कुमार को गुजरात के आणंद शहर में एन. एस . पटेल आर्ट्स कॉलेज में एक गरिमापूर्ण समारोह में गुजराती के शिखर कवि सितांशु यश्चन्द्र के हाथों प्रदान किया गया। यह पुरस्कार हर वर्ष दिया जाता है। इस वर्ष आलोचना के अलावा कहानी के लिये योगिता यादव और कविता के लिये सुधीर सक्सेना को दिया गया ।
इस अवसर पर स्वर्गीय शिवकुमार मिश्र की पत्नी, जिन्हें प्यार से उस इलाके के लोग अम्मा जी कहते हैं, की उपस्थिति ने समारोह को बेहद संवेदनशील बना दिया। ऐसे समय में जब बड़े औद्योगिक घरानों और सरकारी संस्थाओं द्वारा दिए जानेवाले पुरस्कार संदिग्ध हो गए हैं, शिवकुमार मिश्र स्मृति सम्मान की अपनी एक अलग पहचान स्थापित हो चुकी है। 2013 में डॉ. शिवकुमार मिश्र के निधन के बाद उनकी स्मृति में यह सम्मान उनकी वयोवृद्ध पत्नी और उनकी बड़ी पुत्री शशिलेखा जी के निजी प्रयत्नों से कुछ वर्ष पहले आरंभ किया था। गत वर्ष शशिलेखा जी का दुर्भाग्यपूर्ण निधन हो गया । इस बीच उनकी मंझली बेटी भी ए्क दुर्घटना का शिकर होकर असमय ही चल बसी । लेकिन शिवकुमार जी की वयोवृद्ध पत्नी ने हिम्मत नहीं हारी । अपने जीवट और अदम्य जिजीविषा के बल पर तमाम बाधाओं से लड़ते हुए उन्होंने इस सम्मान को ज़ारी रखा हुआ है। प्रति वर्ष कविता , कहानी और आलोचना के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये यह सम्मान एक जुरी द्वारा चयन के आधार दिया जाता है । अब तक तीनों विधाओं में जिन लोगों को यह सम्मान दिया गया है , उन सभी का अपने कार्य के बल पर हिन्दी साहित्य में एक सहज स्वीकृत स्थान है ।