नई दिल्लीः साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में चौथे दिन एक तरफ भारतीय साहित्य में गाँधी पर चिंतन और परिचर्चा की धूम थी तो दूसरी तरफ युवा साहिती कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न भारतीय भाषाओं के 28 युवा लेखकों ने अपनी कविता और कहानी का पाठ किया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात मलयाळम् कवि के. सच्चिदानंदन ने किया. कार्यक्रम के अन्य सत्रों की अध्यक्षता टी. देवप्रिया, निर्मलकांति भट्टाचार्जी, गौरहरि दाश एवं पंकज राग ने की. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए लेखक के. सच्चिदानंदन ने कहा कि युवाओं को खुद से समाज से और प्रकृति से संवाद करना चाहिए. उन्होंने युवाओं को परंपराओं में विश्वास करने तथा अपनी सोच को करुणा के और नजदीक ले जाने के लिए कहा. उन्होंने युवाओं को अनुवाद पढ़ने और अनुवाद करने की भी सलाह दी जिससे कि उनकी शब्दों की पकड़ और व्यापक हो सके.
युवा साहिती कार्यक्रम कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का स्वागत साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने किया.युवा साहिती कार्यक्रम के अलग-अलग सत्रों में बलराम दत्त मगोत्रा, नेहा बंसल, अनंत राठौड़, घनश्याम 'देवांश', परवेज गुलशन, सृजिथ पेरुमथचन, अम्रुत तैलंग, अली राजपुरा, अभिषेक शुक्ला, देब भूषण बोरा, संगीता सान्या, जगदीश गिरी, डॉ एम नारायण शर्मा, मोमिता श्रीकांत दुबे, श्रीधर बनवासी, जयेश ए राउत, रबी नारायण दाश, ज्वीश्री बोरो, सुफिया खातून, नारायण झा, आर के मास्टर ब्वाय, राजू छेत्री, मनोज चावला, संजय कुमार चौबे, श्याम सी टुडू और आर बूब्लान ने अपनी-अपनी रचनाओं के साथ शिरकत की.