जबलपुरः साहित्य, अध्यात्म, सेवा और चिकित्सा जगत के सम्मिलन का यह एक अनूठा कार्यक्रम था, जिसमें हमारे तन, मन और समाज को बेहतर बनाने वाली कई हस्तियां उपस्थित थीं. स्थानीय मानस भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ अखिलेश गुमाश्ता द्वारा जापानी काव्य शैली हाइकू में किये गए श्रीमद भगवद गीता के भावानुवाद 'द इटर्नल गीत्स ऑफ द भगवद्गीता' यानी हाइकू गीता का लोकार्पण सम्पन्न हुआ. साहित्यिक भावनाओं से भरे अस्थि शल्य चिकित्सक डॉ गुमाश्ता विराट हॉस्पिस में कैंसर की अंतिम अवस्था के मरीजों की निःस्वार्थ सेवा में जुटे रहने के लिए विख्यात हैं. यही वजह थी कि इस लोकार्पण समारोह में ओड़िशा से बाबा कल्याण दास भी आभासी माध्यम से जुड़े और उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित किया. लोकार्पण समारोह में आरंभिक वक्तव्य में ज्ञानेश्वरी दीदी ने कहा कि डॉ गुमाश्ता की यह कृति वैदिक सनातन संस्कृति और संस्कारों को सुरक्षित रखने का सशक्त साधन बताया.
कई आध्यात्मिक पुस्तकों के रचयिता, प्रशासनिक अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने बतौर मुख्य वक्ता 'द इटर्नल गीत्स ऑफ द भगवद्गीता' पुस्तक की विस्तृत व्याख्या और बताया कि उन्होंने मात्र तीन दिन में इस पुस्तक का गहन अध्ययन किया. इस अवसर पर विधायक अजय विश्नोई , रादुविवि के कुलपति डॉ कपिलदेव मिश्र, पत्रकार- कहानीकार संजय सिन्हा ने भी अपने विचार रखे. अध्यक्षीय उद्बोधन विधायक तरुण भनोत ने दिया. विशिष्ट उद्बोधन और आशीर्वचन देते हुए स्वामी गिरीशानन्द ने डॉ गुमाश्ता के इस प्रयास की मुक्तकंठ से प्रशंसा की और कहा कि चिकित्सक के रूप में अति व्यस्त होने के बावजूद उनकी यह सृजनात्मकता दैव कृपा का प्रतिफल है. वक्ताओं ने गीता के हाइकू रूप को नई पीढ़ी के लिए अनमोल भेंट बताया. कार्यक्रम का संचालन कवि सुदीप भोला ने किया गया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी, पत्रकार, चिकित्सक, छात्र, प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी उपस्थित थे.