नई दिल्लीः पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर योगा-ताली ग्रुप कुंवर सिंह नगर व अखिल भारतीय साहित्य परिषद से संबद्ध इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती नांगलोई जिला की ओर से एक काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया. अटल बिहारी पार्क में आयोजित इस गोष्ठी में वरिष्ठ गीतकार डॉ जयसिंह आर्य ने एकल काव्यपाठ के तहत पूर्व प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व और कृतित्व के साथ ही देशभक्ति से ओतप्रोत कविताएं सुनाईं. डॉ जयसिंह आर्य ने इस अवसर पर अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को उजागर करते हुए पढ़ा-
अटल हमेशा रहा अटल था
धर्म कर्म से सदा विमल था
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राजनीति के कीचड़ में भी
खिला-खिला सा एक कमल था….
उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के स्वयं उम्दा कवि होने पर प्रकाश डालते हुए कहा:
कल-कल बहता था कविता में
गंगा के जल सा निर्मल था
एकल काव्यपाठ में डॉ जयसिंह आर्य ने अपने देश भक्ति से ओत-प्रोत गीतों से श्रोताओं में राष्ट्र भक्ति का संचार किया. गीत की बानगी देखें:-
मांगे जो देश जान तो हम हंस के जान दें
निज आन-बान-शान की ऊंची उड़ान दें
इस अवसर पर बड़ी संख्या में नगरवासियों ने भाग लिया. उनमें प्रमुख थे आरएसएस के नगर संघचालक राजपाल यादव, नगर कार्यवाह अखिलेश मिश्र, उप जिला कार्यवाह श्याम जी, नांगलोई जिला संस्कार भारती के प्रधान मुकेश जी, पूनम समोर, डा सत्यदेव रुहिल, रामकरण शर्मा, अजय मिश्रा, अरुण कुमार पाण्डेय आदि.