ई-संवादी old2018-05-21T08:25:03+05:30

ई-संवादी

लोकहित की कामना से संपृक्त साहित्य ही असली साहित्य है, और अवधी इसमें अनूठी: प्रो सत्य प्रकाश त्रिपाठी

By |April 10th, 2024|

बाराबंकी: यह पुस्तक लोकार्पण और परिचर्चा की एक अनूठी शाम थी. इस कार्यक्रम में कई पुस्तकों का लोकार्पण हुआ और अतिथि वक्ताओं ने उस पर अपनी राय रखी. सबसे पहले [...]

इन पुस्तकों में प्रेम और करुणा जीवन का केंद्रीय तत्त्व: डा रेणुका व्यास ‘नीलम’ की पांच पुस्तकों का लोकार्पण

By |April 10th, 2024|

बीकानेर: "डा रेणुका व्यास के रचनाकर्म में समाज, साहित्य और संस्कार मौजूद है, एक अलग प्रकार की छटपटाहट है. आपकी रचनाएं साधारण नहीं हैं, बल्कि ये अपना मुहावरा खुद बनाती हैं." यह बात मुक्ति संस्था [...]

संस्कृत भाषा के सार्वभौमिक विकास से ही हमारी सांस्कृतिक विरासत अक्षुण्ण: कुलपति प्रो लक्ष्मी निवास पाण्डेय

By |April 10th, 2024|

मधुबनी: भाषा के बिना संवाद अधूरा है और साहित्य तो सृजित ही नहीं हो सकता. इसलिए भाषाओं के ज्ञान के साथ ही उसका संस्कार भी जरूरी है. संस्कृत भारतीय ही [...]

साहित्य के बिना समाज का निर्माण नहीं हो सकता: ‘शिक्षा, साहित्य और समाज’ विषयक संगोष्ठी में वक्ता

By |April 10th, 2024|

मथुरा: "साहित्य की ओट में ही काल विशेष की विशेषता छिपी रहती है, जिसे समय-समय पर साहित्यकार उद्घाटित करता है. शिक्षा जीवन में व्याप्त अंधकार को दूर कर हमारे जीवन में सामंजस्य [...]

जबलपुर को हम लोग परसाईपुर कहते थे: ‘साहित्य संवाद’ पुस्तक के विमोचन अवसर पर ममता कालिया

By |April 10th, 2024|

जबलपुर: "पूरे देश के साहित्यकार जबलपुर को हरिशंकर परसाई के कारण पहचानते जानते हैं. आलम यह था कि जबलपुर को हम लोग परसाईपुर कहते थे. गरजन सिंह वरकड़े लिखित पुस्तक 'साहित्य संवाद' को [...]

साहित्य प्रेरणा स्रोत, इसलिए केंद्रीय विद्यालय ने छात्रों को दी हिंदी कवियों-साहित्यकारों के चित्र वाली नाम-पट्टिका

By |April 6th, 2024|

लखनऊ: छात्र अपने साहित्य और साहित्यकारों को याद रख सकें इस दिशा में केंद्रीय विद्यालय गोमतीनगर लखनऊ ने एक अनोखा प्रयास किया है. विद्यालय ने छात्रों की पुस्तकों, कापियों पर चिपकाई [...]

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