जयपुर: काव्य साधक एवं समरस साहित्य सृजन संस्थान ने 9वीं मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया तो ढूंढाड़ी, हिंदी और बृजभाषा के पुरोधा कवि बिहारी शरण पारीक को प्रथम पुण्य तिथि पर याद किया. स्थानीय काव्य साधक स्टूडियों में यह आयोजन एक काव्यांजलि सभा के रूप में हुआ. यह काव्य गोष्ठी गोपीनाथ पुरोहित के मुख्य आतिथ्य और श्यामसिंह राजपुरोहित की अध्यक्षता में हुई. विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ कवि एवं जकासा के संरक्षक वरुण चतुर्वेदी, गीतकार जगदीश मोहन रावत एवं समरस संस्थान जयपुर के अध्यक्ष व कवि लक्ष्मण रामानुज लड़ीवाला ने बिहारी शरण पारीक को याद किया. इस अवसर पर पारीक की जीवन यात्रा पर उनके पुत्र किशोर पारीक ‘किशोर‘ और राकेश जैन द्वारा प्रकाशित एक संस्मरण पुस्तक का विमोचन भी किया गया.
काव्यांजलि सभा में वैद्य भगवान सहाय पारीक, कल्याण सिंह शेखावत, कवयित्री सुशील शील, अक्षिणी भटनागर, कान्ता शर्मा, रंजीता जोशी, विनय शर्मा ‘अंकुश‘, राव शिवराजपाल सिंह, देवेंद्र भारद्वाज, साहित्यकार डा यश गोयल, राजेश खंडेलवाल, कन्हैया कान्हा, डा एनएल शर्मा, बिहारी शरण की बहनें श्यामा एवं रमा पारीक, उनके दामाद, दोहिते बाल कवि मेहुल पारीक आदि ने याद किया. सबने बिहारी शरण की ढूंढाड़ी, ब्रज भाषा और अंग्रेजी में लिखे संदेश, हास्य और व्यंग्य, रोचक छंद, कुंडलिया और प्रेरक संस्मरण आदि को अपने स्वर में सुनाया और उनसे जुड़े संस्मरण साझा कर दर्शकों को भावुक कर दिया. इस अवसर पर किशोर पारीक ‘किशोर‘ के परिजनों के अतिरिक्त ‘आपणों जैपुर‘ के सर्जक राकेश जैन, पुण्य मित्र, डा निशा अग्रवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. गोष्ठी का संचालन शोभा चंदर ने किया. अंत में किशोर पारीक की बड़ी बहन मृदुला जोशी ने धन्यवाद ज्ञापित किया.