उदयपुर: बच्चों में लेखन, साहित्य और अपनी भाषा के प्रति पढ़ाई-लिखाई के शुरुआती दिनों से ही लगाव बढ़े इसके लिए स्थानीय संस्था साहित्य मंडल ने भगवती प्रसाद देवपुरा स्मृति एवं राष्ट्रीय बाल साहित्य समारोह-2025 का आयोजन किया. इस अवसर पर आयोजन स्थल नाथद्वारा का साहित्य मंडल साहित्य सेवियों की चहल-पहल से दमक उठा. सत्र का उद्घाटन साहित्य मंडल के अध्यक्ष पंडित मदन मोहन शर्मा ‘अविचल’ ने किया. उन्होंने ही समारोह की अध्यक्षता भी की. कार्यक्रम में कोटा के मथुराधीश मंदिर के विनय बाबा ने उपस्थित होकर अपना आध्यात्मिक सानिध्य प्रदान किया. मुख्य अतिथि योगेंद्र शर्मा ‘अरुण’ और विशिष्ट अतिथि डा राहुल, रामेश्वर शर्मा ‘रामू भैया’, प्रभात सिंघल, जितेंद्र निर्मोही एवं महेश बोहरे रहे. कार्यक्रम का आरंभ मां वाणी और श्रीनाथ वंदना से हुआ. साहित्य मंडल के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने संस्था का परिचय देते हुए बाबूजी भगवती प्रसाद देवपुरा के कृतित्व पर प्रकाश डाला.
समारोह के अगले चरण में डा राहुल ने ‘देवपुरा का सृजन और चिंतन’ विषय पर आलेख प्रस्तुत किया. डा रक्षा गोदावत ने कृष्ण भक्ति साहित्य के पोषक के रूप में उन्हें याद करते हुए अपने विचार रखे. बाल साहित्य भूषण सम्मान से डा नीना छिब्बर और डा तृप्ति गोस्वामी को अलंकृत किया गया. चिकित्सा सेवा-रत्न की उपाधि डा वाईएन वर्मा को प्रदान की गई. इस दौरान जय बजाज और शिखा अग्रवाल को काव्य कुसुम की उपाधि दी गई. कार्यक्रम में विभिन्न पुस्तकों का लोकार्पण भी हुआ, जिनमें डा राहुल की ‘कुसुमांजलि’, जय बजाज की ‘कीमती रिश्तों के रोते मुस्कुराते फुटेज’ और जेबा रशीद की ‘आखर जोत’ प्रमुख रहीं. मांड गायन के कलाकार हिदायत खान और टीम की प्रस्तुति ने समारोह में उत्साह भर दिया. मुख्य अतिथि योगेंद्र शर्मा ने आयोजन की सराहना करते हुए बाबूजी के व्यक्तित्व और साहित्य मंडल की उपलब्धियों को रेखांकित किया. समारोह में नन्हे बालक गौरांग देवपुरा और बालिका काव्या सोमानी की प्रस्तुति ने विशेष छाप छोड़ी.