इटारसीः जाने-माने नवगीतकार विनोद निगम नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. निगम के निधन पर देश भर से साहित्यकारों, लेखकों ने शोक व्यक्त कर उनके निधन को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया. निगम हिंदीसाहित्य में नवगीतों, गीतों, गजलों के बेताज बादशाह रहे. उप्र के बाराबंकी में 10 अगस्त, 1944 को जन्में निगम ने नर्मदा तीरे नर्मदापुरम शहर को अपनी कर्मभूमि बनाया था. हालांकि कि वे साल में दो-तीन बार बाराबंकी अवश्य जाते और वहां भी साहित्य की महफिलों-गोष्ठियों में शिरकत करते थे. बाराबंकी में उन्हें कल्पनाथ सिंह साहित्य सम्मान से नवाजा गया था. विनोद निगम की प्रसिद्धि नवगीतकार के रूप में रही है. उन्होंने हिंदी में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. निगम ने लेखन जगत में पत्रकारिता के रास्ते प्रवेश किया और कई समाचार पत्रों से जुड़े. फिर उन्होंने स्कूल स्तर पर 6 वर्ष एवं महाविद्यालय स्तर पर 36 वर्ष तक अध्यापन किया. कवि सम्मेलनों में विभिन्न विधाओं की उनकी रचनाएं पूरी गंभीरता से सुनी जाती रहीं. निगम ने लाल किले के सम्मानित मंच से भी कविता पाठ किया था. प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन के साथ ही आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से भी उनके गीतों का प्रसारण होता रहता था.
विनोद निगम के प्रकाशित हुए नवगीत संग्रहों में ‘जारी हैं लेकिन यात्राएं’, ‘अगली सदी हमारी होगी’, ‘मौसम के गीत’ तथा ‘जो कुछ हूं बस गीत-गीत हूं’ काफी चर्चित रहे.. उनके नए नवगीत संग्रह ‘मैं जो कुछ हूं बस गीत हूं’ का इसी साल 24 अप्रैल को भोपाल में विमोचन हुआ था. देश के जाने-माने नवगीतकार माहेश्वर तिवारी के शब्दों में हिंदी नवगीत के चर्चित कवि और 60 वर्षो के अंतरंग मित्र निगम का अचानक विदा होना बेहद दुखद है, लौट आओ न…. नर्मदापुरम के गोपाल राठी का कहना था कि नर्मदापुरम के प्रति उनके अनुराग देखकर कोई भी कह सकता है कि वे नर्मदापुरम में नहीं, बल्कि नर्मदापुरम उनके अंदर रहता था. नर्मदापुरम की संस्थाओं ‘राष्ट्रीय कला एवं काव्य मंच’, ‘मप्र जन चेतना लेखक संघ’, ‘मानसरोवर साहित्य समिति’, ‘जिला पत्रकार संघ’, ‘बातचीत’, ‘विपिन जोशी स्मारक समिति’, ‘विजय भारतीय संस्कृति संस्थान’, ‘संकल्प’, ‘समर समागम’, ‘विपिन जोशी साहित्य परिषद’, ‘साहित्य साधना काव्य मंच’, ‘तिरंगा’ आदि साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और वैचारिक संस्थाओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. उधर मुरादाबाद की साहित्यिक संस्थाओं ‘अक्षरा’, ‘हस्ताक्षर’ व ‘मुरादाबाद लिटरेरी क्लब’ की ओर से भी उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर नवगीतकार माहेश्वर तिवारी, डॉ मक्खन मुरादाबादी, डॉ अजय अनुपम, डॉ कृष्ण कुमार नाज, योगेंद्र वर्मा ‘व्योम’, जिया जमीर, विशाखा तिवारी, राजीव प्रखर, आनंद गौरव, डॉ पूनम बंसल, डॉ मनोज रस्तोगी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, दुष्यंत कुमार, राहुल शर्मा, फरहत अली आदि मौजूद रहे.