प्रयागराज: माघ मेला स्थित गंगा और यमुना जल प्रदूषण निवारण प्रदर्शनीशोध प्रचार प्रकृति संरक्षण एवं पर्यावरण जनजागरण महा अभियान यूपी रिसर्च एसोसिएशन के शिविर में एक कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में कवियों ने प्रकृतिप्रेरणासंवेदना और सृजन के बीच वीर रस और शृंगार के रंग भी बिखेरे. डा वीरेंद्र कुमार तिवारी ने काव्य पाठ करते हुए ‘प्रेम क्यों कर रहा प्रीति की कामना वह तो परिपूर्ण क्यों कर रहा याचना…‘ जैसी  पंक्तियां सुनाईंतो कवयित्री डा वंदना शुक्ला ने सुनाया, ‘जलाओ तुम दिए लेकिन तिमिर का ध्यान भी रखनाचलो ऊपर तुम अंबर तक धरा का मान भी रखना…‘.

कविता और मधुर गीतों के इस कारवां को कवयित्री रेनू मिश्रा दीपशिखा ने एक अलग ही मुकाम दे दिया. वे श्रोताओं को भक्ति रस की तरफ बहा कर ले गईंजिसमें आस्था पर चोट भी थी. उन्होंने सुनाया ‘हरि-हरि करता रहा ये मानवहरि निकल गए धीरे से…‘. रचनाकार जनकवि प्रकाश ने सुनाया, ‘प्रभु रहता है कहां बंधु बतलाता हूं प्रभु की पूजा व्रत विधान बतलाता हूं…‘. समारोह में डा अल्प नारायण तिवारीकमल प्रसाद गिरीकमल नारायण शुक्लाडा रसराज आदि ने काव्य पाठ किया. समाजसेवी योगेश कुमार दुबेराजेंद्र कुमार तिवारी और दुकानजीअल्प नारायण त्रिपाठीजनकवि प्रकाश को गंगा प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डा शंभू नाथ त्रिपाठी अंशुल ने किया.