सोनभद्र: शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी के तत्वावधान में राबर्ट्सगंज कचहरी परिसर के सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार अजयशेखर की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ. इस दौरान चंद्रलेखा सिंह की पुस्तक ‘सत्ता का खेल‘ का विमोचन भी हुआ. बावला जी के शिष्य कवि शिवदास द्वारा गाई वीणा वंदना ‘तान वीणा की हृदय में अर्चना भर दे, विषमता दूर कर समता दे, निर्मल अर्चना भर दे‘ से कवि सम्मेलन की शुरुआत हुई. प्रदुम्न त्रिपाठी ने ‘जय हिंद जगत में गूंज उठा नभ उड़े तिरंगा निज अविचल‘ सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. संदीप बाला ने जहां सद्भावना, समरसता, एकता, अखंडता के प्रति काव्य अनुराग जगाया, वहीं स्वरचित माहेश्वर खंड-काव्य से शिव को समर्पित रचना सुनाकर वाहवाही बटोरी. ओमप्रकाश मिर्जापुरी ने गीत, गजल, मुक्तक, छंद सुनाकर महफिल लूट ली. उनकी भोजपुरी की रचना भी काफी सराही गई. अजय शेखर ने अपनी कालजयी रचना ‘हड्डियों से वज्र का निर्माण करते हैं‘ सुनाकर आयोजन को ऊंचाई दी. नरेंद्र सिंह पंकज ने ‘किसे फुर्सत है उसकी सुनने की, आज आदमी है कहां हैवानियत हावी हुई‘ सुनाकर सराहना बटोरी.
राकेश शरण मिश्र ने ‘लकलक धोती खद्दर कुर्ता पहन कर आए नेताजी‘ सुनाया, तो जगदीश पंथी ने ‘प्यार तुम्हारा मिला कि सावन बरस गया‘ सुनाया. ईश्वर विरागी ने पढ़ा, ‘थाम लेंगे वक्त को चलने न देंगे…‘ और पारसनाथ मिश्र ने खंड-काव्य रामानुज भरत से भरत पर रचना सुनाई. प्रभात सिंह चंदेल ने ‘कलेजे में तिरंगा जिगर में हिंदुस्तान रखता हूं‘ सुनाया, तो अरुण तिवारी ने ‘भारती की आरती उतारिये‘ सुनाकर भारत माता को नमन किया. धर्मेश चौहान ने ‘हिंदी हिंदुस्तान हमारी जान भारत मेरा महान अमर रहे संविधान‘ सुनाया. जै राम सोनी ने स्थानीय बोली में ‘हास्य चिकन चिकन बाति सुनाके आगि लगौला पानी में‘ सुनाया तो दिवाकर मेघ ने ‘बीए पढै लागल बा बेटौवा सुनाया‘. दयानंद दयालू ने ‘एक दिन जाये परी ईश के अदालत में रहबा कौंनौ हालत में‘ सुनाया. इस दौरान राजीव कुमार सिंह गौतम, विनोद कुमार चौबे, गीता गौर, सुरेन्द्र पांडेय, राजेश कुमार पाठक का सम्मान किया गया. संचालन शायर अशोक तिवारी ने किया. आभार प्रदुम्न त्रिपाठी ने व्यक्त किया. इस अवसर पर आत्मप्रकाश तिवारी, मदन चतुर्वेदी, देवानंद पांडेय, संजीव पांडेय, जयशंकर त्रिपाठी, नंदलाल, ऋषभ, ठाकुर कुशवाहा, शिखा, मृत्युंजय, फारुख अली, पुरुषोत्तम, बृजकिशोर देव आदि लोग मौजूद रहे.