गढ़वाल: कवयित्री अनिता काला की पुस्तक ‘बादलों के रथ पर‘ का विमोचन कार्यक्रम एक स्थानीय शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान में संपन्न हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध लोक संस्कृति कर्मी प्रो डीआर पुरोहित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा विष्णु दत्त कुकरेती ने की. अति विशिष्ट अतिथि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल के प्राध्यापक रहे प्रो सम्पूर्ण सिंह रावत, जितेन्द्र धिरवान, साहित्यकार भगत सिंह राणा ‘हिमाद‘ तथा आखर के अध्यक्ष संदीप रावत थे. यह विमोचन कार्यक्रम साहित्य, संस्कृति को समर्पित स्थानीय आखर ट्रस्ट के संयोजन में हुआ. कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों के स्वागत, दीप प्रज्वलन और राधा मैंदोली द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ. अंशी कमल ने स्वागत गान प्रस्तुत किया. स्वागत भाषण एवं आखर का परिचय डा नागेंद्र रावत ने दिया. रेखा चमोली ने अनिता काला का परिचय और उपलब्धियां बताईं. मुख्य अतिथि प्रो डीआर पुरोहित ने विमोचित पुस्तक के बारे में कहा कि कवयित्री की रचनाएं यहां के लोक को दर्शाती हैं. डा विष्णु दत्त कुकरेती ने कहा कि इस काव्य संग्रह की रचनाएं विविध रंग लिए हुए हैं. प्रो सम्पूर्ण सिंह रावत ने कहा कि पुस्तक का प्रकाशन एवं अपने भावों को शब्द के रंगों में पिरोना आसान नहीं होता. सोशल मीडिया के इस दौर में वर्तमान पीढ़ी पुस्तकों से दूर होती जा रही है.
संग्रह पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए नंदन राणा ‘नवल‘ ने कहा कि इस संग्रह में विभिन्न विषयों को आधार बनाकर रचनाएं लिखी हैं, जिनमें प्रतीकों एवं रूपकों का प्रयोग किया गया है. अनीता काला ने कहा कि इस पुस्तक को लिखने का मुख्य उद्देश्य यह है कि मेरे विचार और मेरी भावनाएं आम जन तक पहुंचे. कार्यक्रम का संचालन डा अरुण भट्ट ने किया. कार्यक्रम में जितेंद्र धिरवाण, भगत सिंह राणा, उमा घिल्डियाल, रेखा चमोली, शैलेन्द्र प्रसाद थपलियाल, सतीश काला, डा प्रदीप अंथवाल, लखपत भंडारी, दिनेश असवाल, वासुदेव कंडारी, रेखा चमोली, भूपेंद्र नेगी, ज्योतिषाचार्य भाष्करानंद अंथवाल, अंजना घिल्डियाल, विमल बहुगुणा, दिनेश पटवाल, अनिल स्वामी, डीपी खंडूड़ी, गंगा असनोड़ा थपलियाल, संगीता फरासी, सायिनी उनियाल, कविता मैठाणी भट्ट, राकेश जिरवान, नंदकिशोर नैथानी आदि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कविता मैठाणी भट्ट, साईनी कृष्ण उनियाल, कमला नौटियाल आदि ने कविता पाठ किया. अंत में कार्यक्रम संयोजक एवं आखर ट्रस्ट के संस्थापक संदीप रावत ने सबका आभार व्यक्त किया.