लंदन: हिंदी भाषा के किसी प्रकाशक के लिए ‘लंदन बुक फेयर‘ में प्रतिभाग लेने से भी बड़ी बात है, वहां हिंदी और भारतीय पुस्तकों का लोकार्पण. वाणी प्रकाशन समूह ने न केवल तीन दिवसीय ‘लंदन बुक फेयर-2024′ में प्रतिभाग किया, बल्कि तीन पुस्तकों का लोकार्पण भी किया. वाणी प्रकाशन व यात्रा बुक्स से प्रकाशित कवि एवं कथाकार डा पद्मेश गुप्त का हिंदी व अंग्रेज़ी में नया कहानी संग्रह ‘डेड एंड‘ और व्यवसायी डेम आशा खेमका की आत्मकथात्मक कृति ‘इंडिया मेड मी ब्रिटेन इनेबल्ड मी‘ का लोकार्पण भी हुआ. इस अवसर पर साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका अनामिका, कथाकार दिव्या माथुर, नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के निदेशक युवराज मलिक, वाणी प्रकाशन समूह की कार्यकारी निदेशक अदिति माहेश्वरी-गोयल और कई हिंदी प्रेमी उपस्थित थे.
इस अवसर आक्सफोर्ड के वरिष्ठ पत्रकार स्टीव हार्टले ने कहा कि पद्मेश गुप्त का साहित्य संसार वृहद है. और यह हिंदी और हिंदी भाषा मे रचा हुआ प्रवासी भारतीय साहित्य की दुनिया में नये कीर्तिमान स्थापित करता आया है. साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका अनामिका ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के साहित्य में समांतर रूप से अपने इतिहास को दर्ज़ भी किया है और उजागर भी किया है आज अपने पूर्व शासकों के देश में अपनी भाषा की पुस्तकों उन्हीं के पुस्तक मेले में लोकार्पित करना बहुत गर्व की बात है. लोकार्पण अवसर पर आक्सफोर्ड के प्रसिद्ध लेखक पाल ग्युस्टेफ्सन, वातायन-यूके की शिखा वार्ष्णेय, सुरेखा चोफ़ला, विवेक रंजन श्रीवास्तव के अतिरिक्त लंदन, बर्मिंघम, रैडिंग और आक्सफोर्ड से कई विशिष्ट अतिथि भी इस लोकार्पण में शामिल हुए.