अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक ब्लाक हाल में उर्दू विभाग द्वारा प्रकाशित प्रो मुहम्मद अली जौहर व डा सरवर साजिद के निबंधों के संग्रह ‘थ्री सेंटेनरी सेलिब्रेशन‘ का कुलपति प्रो नईमा खातून ने विमोचन किया. उन्होंने इसके साथ ही तीन और किताबों का विमोचन किया, जिनमें डा मुहम्मद इकबाल जरगर की ‘अहमद अकबराबादी की जिंदगी और सेवाएं‘, डा नाजिया सुम्बुल की किताब ‘मुमताज हुसैन की विद्वत्ता एवं साहित्यिक सेवाएं‘, डा आफताब आलम नजमी व गजाला तहसीन की जीवनी पर आधारित पुस्तक ‘चक पर जलता चिराग‘ शामिल है.
कुलपति प्रो नईमा खातून ने कहा कि उर्दू किसी वर्ग विशेष की भाषा नहीं है. यह भाषा लोगों की है और यह प्रेम की भाषा है. इस भाषा का प्रचार-प्रसार हो, यह विकसित हो. इससे जुड़े विद्यार्थियों के ज्ञान का स्तर बढ़े इस दिशा में विश्वविद्यालय और विशेषकर उर्दू विभाग ने बेहतर भूमिका निभाई है. उर्दू विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो मोहम्मद अली जौहर ने ‘जीशान मीर और उनके लेखों के संग्रह के महत्त्व का परिचय दिया. उर्दू विभागाध्यक्ष प्रो कमरूल हुदा फरीदी ने आज के समाज में उर्दू को शालीनता की भाषा की संज्ञा दी और कहा कि इसका किसी भी सहोदर भाषा से कोई मनमुटाव नहीं है.