नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिवसीय भारतीय भाषा उत्सव और प्रौद्योगिकी तथा भारतीय भाषा शिखर सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत सरकार ने प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रह्मण्य भारती के जन्मदिन 11 दिसंबर को भारतीय भाषा दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था. अब सरकार के कई विभाग 28 सितंबर से 11 दिसंबर तक, यानी कुल 75 दिनों तक मिलकर भारतीय भाषा उत्सव मनाएंगे. मेरा विश्वास है कि यह उत्सव शिक्षा में भारतीय भाषाओं के तकनीकी रूप से समृद्ध भविष्य की दिशा तय करेगा. इस दौरान आयोजित हमारी बाइस भाषाओं के उत्सव से हमारे पास वह अमृत आ चुका होगा कि हम उसका गौरव महसूस कर सकेंगे. समारोह में बाइस बच्चों द्वारा भारतीय भाषाओं में दिए गए परिचय का उल्लेख करते हुए प्रधान ने भाषा, संस्कृति और सभ्यता के इस समुच्चय को भारतीय अस्मिता और ज्ञान परंपरा से जोड़कर देखने की बात पर बल दिया. इस अवसर पर आईआईआईटी-डीएम, कांचीपुरम के निदेशक मंडल के अध्यक्ष और जोहो कारपोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बू मुख्य वक्तव्य दिया. कार्यक्रम में शिक्षाविद्, प्रौद्योगिकी और भाषा विशेषज्ञ, शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए.
याद रहे कि भारतीय भाषा उत्सव के अंग के रूप में इस शिखर सम्मेलन में तीन महत्त्वपूर्ण सत्र आयोजित हो रहे. पहला भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी, दूसरा भारतीय भाषाओं में प्रौद्योगिकी, और तीसरा भारतीय भाषाओं के माध्यम से प्रौद्योगिकी. ये विषय भारतीय भाषा को बढ़ावा देने में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर जोर देंगे, जिसमें शिक्षण, प्रशिक्षण, परीक्षा और शैक्षिक सामग्री के अनुवाद में इसकी भूमिका शामिल है. शिखर सम्मेलन का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप वर्तमान शिक्षा ईको-प्रणाली से भारतीय भाषाओं में निहित सहज अंतरण की सुविधा उपलब्ध कराना है. शिखर सम्मेलन के दौरान, ‘भारतीय भाषाओं के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना‘, ‘ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर स्थानीयकरण‘, ‘सर्च इंजन स्थानीयकरण‘ और अन्य विषयों पर व्यापक चर्चा होगी. इस दौरान भारतीय भाषाओं में शिक्षा के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए एक समग्र रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिसमें शिक्षाविदों, छात्रों, अनुसंधानकर्ताओं, एडुटेक और इन्फोटेक उद्योग के प्रोफेशनलों, तकनीकी विशेषज्ञों, मीडिया प्रतिनिधियों और फ्रीलांसरों सहित विभिन्न क्षेत्रों के हितधारकों की सक्रिय भागीदारी होगी. इस दौरान भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी उत्पादों, उद्योगों, सरकारी संगठनों और स्टार्ट-अप द्वारा इसके अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने के लिए एक सार्वजनिक मंडप भी स्थापित किया गया है. शिखर सम्मेलन संयुक्त रूप से शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, और उनके संबद्ध संस्थानों, जैसे केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, राष्ट्रीय व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा केंद्र, राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद, भारतीय भाषा समिति और अन्य द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है.