श्रीनगर: स्थानीय एसकेआईसीसी हॉल में आयोजित वितस्ता महोत्सव के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘वितस्ता: यूनाइटिंग कल्चर्स’ का लोकार्पण किया. इस अवसर पर गृह मंत्री ने शाह ने कहा कि आदिशंकर ने जिस भूमि को ज्ञान की भूमि कहा, मुगल शासकों ने पृथ्वी का स्वर्ग कहा और सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के विचार मंथन को आगे बढ़ाने वाली उचित भूमि कहा, वह यही कश्मीर है. उन्होंने कहा कि संस्कृति एक साल में या एक कला और विधा से नहीं बनती, संस्कृति मानव जीवन के अनेक प्रकार के पहलुओं के समन्वय से बनती और जहां संस्कृति की धारा अविरल बहती हो, ऐसे बहुत कम देशों में से एक हमारा भारत है और हमें इस पर गर्व होना चाहिए. उन्होंने कहा कि कश्मीर में शुरू हो रहे वितस्ता महोत्सव में कश्मीर के लगभग 1900 कलाकार और देशभर के लगभग डेढ़ सौ कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और एक्सचेंज भी करेंगे. देश को कला, संस्कृति और देश का इतिहास ही एक कर सकता है. वितस्ता महोत्सव इसका एक अनूठा आयोजन है, जहां देशभर के व्यंजन भी होंगे और देशभर से आए हुए कलाकार कश्मीरी व्यंजनों का भी लुत्फ उठाएंगे. उन्होंने कहा कि जब तक हमारी संस्कृति औऱ कला को देश को जोड़ने के काम में हम नहीं लगाएंगे, तब तक हमारी इस अभूतपूर्व शक्ति को देश के उपयोग में नहीं लगा सकेंगे.
गृह मंत्री शाह कहा कि हमारी अलग संस्कृतियां, भाषाएं, वेशभूषाएं और खानपान होते हुए भी हम सब भारतीय हैं, यह हमारी बहुत बड़ी ताकत है. उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में इतनी विविधता नहीं है जितनी हमारे भारत में है. लोकार्पित पुस्तक में चेन्नई में आयोजित संगोष्ठी ‘कश्मीर की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत’, पुणे में अप्रैल में आयोजित संगोष्ठी ‘गोदावरी एवं वितस्ता एक सांस्कृतिक यात्रा’ तथा श्रीनगर में आयोजित संगोष्ठी ‘बौद्ध धर्म और कश्मीर’ के 30 आलेख प्रकाशित किए गए हैं. इस पुस्तक में जिन लेखकों, विद्वानों के आलेख संकलित हैं उनमें सीके गरियाली, प्राण किशोर, सिद्धार्थ काक, सी राजेंद्रन, ए कौल, एजाज मोहम्मद शेख, सतीश विमल, गौरी शंकर रैना, एएस पाठक, रूप किशन भट्ट, ललित परिमू , दिलीप धोंडें, शशि शेखर तोषखानी, ललित गुप्ता, विद्यासागर पाटनणकर, ललित गुप्ता, मुस्ताक बी बराक, भाषा सुंबली, सोनालिका कौल, मेघ कल्याणसुंदरम, जसबीर चावला, ठिनलस ग्युरमेद, रतन लाल तलाशी, सोएब इनायत मलिक, फारुख फैय्याज, सत्यभामा राजदान, चंदन कुमार एवं वाहिद नसरू आदि शामिल हैं. इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, सचिव जम्मू और कश्मीर मेहता, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सचिव गोविंद मोहन तथा संयुक्त सचिव संस्कृति मंत्रालय उमा नंदूरी भी उपस्थित थीं.