नई दिल्ली: केरल का कोझिकोड शहर अब सिटी आफ लिटरेचर कहलाएगा. ये खिताब यूनेस्को ने दिया है. वर्ल्ड सिटीज डे के मौके पर ये खिताब दिया गया है. यह भारत का पहला ऐसा शहर है जिसे सिटी आफ लिटरेचर का खिताब दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन ने ग्वालियर को सिटी आफ म्यूजिक की मान्यता दी है, जिसके बाद यह शहर अब संगीत नगरी के नाम से जाना जाएगा. कोझिकोड शहर ने 55 दूसरे शहरों के साथ इस लिस्ट में जगह बनाई है. कोझिकोड निगम की मेयर बीना फिलिप ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है. सिटी आफ लिटरेचर का खिताब मिलने का कारण पिछले दो साल की मेहनत को बताया है. कोझिकोड को अलग-अलग साहित्यिक समारोहों और कार्यक्रमों की मेजबानी करने के अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है. इसमें प्रसिद्ध केरल साहित्य महोत्सव भी शामिल है. यह यूनेस्को सम्मान न केवल शहर की साहित्यिक विरासत को मान्यता देगा बल्कि ये प्रमाण भी है कि ये शहर अपने साहित्य और संस्कृति को लेकर काम कर रहा है.

 

इसी तरह ग्वालियर तानसेन के साथ-साथ बैजू बावरा के कारण भी प्रसिद्ध है. शहर में हर साल संगीत सम्राट तानसेन की समाधि पर अंतर्राष्ट्रीय तानसेन संगीत समारोह का भी आयोजन किया जाता है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- ‘ग्वालियर को सिटी ऑफ म्यूजिक का दर्जा’. मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस के सुअवसर पर प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर को अंतर्राष्ट्रीय संगठन यूनेस्को ने संगीत विरासत के लिए दुनिया की चुनिंदा 55 क्रिएटिव सिटीज की लिस्ट में शामिल किया है. पूरे प्रदेश और ग्वालियर वासियों को इस गौरवपूर्ण उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि विश्व शहर दिवस पर, ग्वालियर शहर संगीत की दुनिया में अपने असाधारण योगदान के लिए आधिकारिक तौर पर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल हो गया है.