अररियाः फारबिसगंज के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीडब्लूडी के प्रांगण में इन्द्रधनुष साहित्य परिषद के तत्वावधान में साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों ने सावन उत्सव मनाया. साहित्यकार हेमन्त यादव की अध्यक्षता और मनीष राज के संचालन में सावन-उत्सव का आयोजन हुआ. इस अवसर पर सबसे पहले सुनील दास ने ‘बम-बम भोले’ गीत सुनाया. फिर हेमंत यादव, सुरेन्द्र प्रसाद मंडल, हरि नंदन मेहता, विनोद कुमार तिवारी ने सावन के धार्मिक महत्त्व पर प्रकाश डाला. वक्ताओं का कहना था कि भारत बहुविध संस्कृति, प्राकृतिक विविधता और ऋषि-मुनियों का देश है. यह रीति-रिवाजों, परंपराओं के साथ ही ऐसा आध्यात्मिक देश है, जहां पूरे साल धार्मिक उत्सव मनाया जाता है.

वक्ताओं ने सावन को सभी महीनों में सर्वश्रेष्ठ बताया. प्रकृति और मन के साथ काया की शुद्धता के साथ बहुत सारे लोग इसे शाकाहार मास के रूप में भी मनाते हैं. खुशी की बात यह है कि इस बार लोग दो माह ‘सावन’ का आनंद उठाएंगे. ऐसा अवसर बार-बार नहीं आता है. इस अवसर पर हर्ष नारायण दास, नीरज झा, दिलीप विश्वास, सुनील दास ने कई मधुर गीत गाए, जिनमें अपने जमाने के मशहूर फिल्मी गीत भी शामिल थे. इन गीतों में ‘आया सावन झूमके’, ‘सावन को आने दो’, ‘सावन का महीना पवन करे शोर’, ‘रिमझिम बरसता सावन होगा.. आदि प्रमुख थे. लोगों ने सावन पर आधारित कविता पाठ भी किया. इस अवसर पर शिवनारायण चौधरी, ब्रह्मदेव पासवान, पलकधारी मंडल, नकुल डे, प्रदीप राय, श्यामा नंद यादव,अरविंद ठाकुर, चन्द्रप्रकाश मंडल आदि उपस्थित थे.