नई दिल्ली: स्वच्छता ही सेवा है के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील पर साहित्य अकादेमी ने भी स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया और मुख्यालय के साथ ही देश भर में फैले कार्यालयों के आसपास न केवल सफाई की बल्कि स्वच्छता ही सेवा है का संकल्प लिया. इस अभियान के तहत साहित्य अकादेमी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने मंडी हाउस गोलचक्कर की सफाई की. सफाई अभियान महात्मा गांधी की जयंती से ठीक एक दिन पहले दस बजे शुरू हुआ. सभी कर्मचारियों ने फीरोजशाह मार्ग और कापरनिकस मार्ग के फुटपाथ और बगीचे को साफ किया. यहां स्थित रुसी कवि पुश्किन के स्मारक और आर्ट डिस्ट्रिक्ट चबूतरे को विशेष तौर पर साफ किया गया. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक घंटे से ज्यादा का श्रमदान किया.
इस अवसर पर साहित्य अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने भारी संख्या में उपस्थित कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्वच्छता केवल एक दिन की बात नहीं है. यह हमारे जीवन को बेहतर बनाती है, अतः इसको बनाए रखना हमारे जीवन का अनिवार्य नियम होना चाहिए. महात्मा गांधी का संकल्प भी यही था. उनका जीवन संदेश भी स्वच्छता को वरीयता देता है. इसलिए हम सबका दायित्व है कि हम इसका पालन करें. विशेष बात यह कि साहित्य अकादेमी के क्षेत्रीय कार्यालयों मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु द्वारा भी इस अवसर पर अपने आसपास के इलाकों की सफाई के साथ ही स्वच्छता ही सेवा के संकल्प को दोहराया गया.