नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स‘ के विमोचन अवसर पर बताया कि उनकी पुस्तक में महाकाव्य रामायण का भी उल्लेख है. उन्होंने भगवान रामलक्ष्मण और हनुमान के जरिए भारत के उत्थान का वर्णन किया हैउन्होंने कहा कि इस पुस्तक में रामायण के उस संदर्भ का उल्लेख है जिसमें भगवान राम धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हैंयह मंच पर उनके आगमन का प्रतीक था. भारत भी उस पल के बहुत पास है. विदेश मंत्री जयशंकरजिन्होंने विमोचन से पूर्व पुस्तक की पहली प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी थीने बताया कि इस पुस्तक में उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि कैसे हम उस परिवर्तन बिंदु पर हैं जहां हमें कई बार अग्नि परीक्षा देनी पड़ रही है. यह सब ठीक राम की तरह है. उन्हें भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था. विदेश मंत्री ने कहा कि रामायण में अच्छे कूटनीतिज्ञ हैं. उन्होंने राम-लक्ष्ण के रिश्ते की तुलना करीबी सहयोगियों के रिश्ते से की. उन्होंने कहा कि रामायण में हर कोई हनुमान के बारे में बात करता हैलेकिन वहां एक अंगद भी थे. इसमें शामिल सभी किरदारों ने अपना-अपना राजनयिक योगदान दिया.

विदेश मंत्री ने कहा कि देश में हम अक्सर राम-लक्ष्मण के प्रेम की बात करते हैं. आज प्रत्येक राम को एक लक्ष्मण की जरूरत होती है. अगर आपके पास भरोसे लायक दोस्त और सहयोगी हैं तो उससे सभी का कल्याण हो सकता है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली नरेन्द्र मोदी सरकार के तहत अपने 10 साल के कार्यकाल को ‘परिवर्तनकारी‘ बताते हुए कहा कि ऐसे समय से जब भारतीयों को वीजा के संबंध में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता थाआज कई देश कार्यस्थल की गतिशीलता का पता लगाने के लिए स्वयं नई दिल्ली का अनुसरण कर रहे हैं. उन्होंने पुस्तक में कई विषयों पर खुल कर चर्चा की हैजिनमें अनुच्छेद 370 से लेकर भारत की सीमा स्थितिविशेषकर चीन के साथ एलएसी पर शामिल हैं. जयशंकर ने कहा कि पिछले 10 सालजहां मैंने बड़े पैमाने पर सरकार में काम किया हैयह समय परिवर्तनकारी रहा है. मैं एक वर्णनात्मक विवरण बताता हूं कि वे परिवर्तन क्या रहे हैं. इस परिवर्तन काल के कुछ परिवर्तन बिंदु में मैं अनुच्छेद 370 से जुड़े फैसले को उसके एक के रूप में वर्णित करूंगा. चीन के साथ सीमा पर जो बदलाव आया है वह दूसरा है.